हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का नया वेब पोर्टल विकलांगजनों के लिए पूरी तरह से बाधारहित है। अब दृष्टिबाधित, मूक बधिर, एवं हाथ से माउस चला पाने में असमर्थ विकलांग व्यक्ति भी वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकेंगे। विश्वविद्यालय को बाधारहित बनाने की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी (विकलांगता मामले) एवं पोर्टल मोनिटरिंग समिति के सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में राज्य के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज द्वारा लांच किया गया वेब पोर्टल 20 लाख 57 हज़ार रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
इसमें विश्वविद्यालय के सभी संकायों, इक्डोल, सांध्य अध्ययन केन्द्र, विधि एवं बीबीए संस्थानों, धर्मशाला स्थित क्षेत्रीय केंद्र एवं सभी वैधानिक अधिकारियों के कार्यालयों की उप-वेबसाइटें हैं। इससे वेब पोर्टल विजिट करने वालों को आसानी होगी। सभी विभाग एवं केंद्र अपनी उप-वेबसाइट खुद अपडेट कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह पोर्टल एनआईसी के माध्यम से निक्सी ने पूरी तरह से भारत सरकार की वेबसाइटों के लिए बनाए गए दिशानिर्देशों डब्ल्यूसीएजी- 2.0 के अनुरूप बनाई है। इससे दृष्टिबाधित एवं मूकबधिर व्यक्ति बिना किसी की सहायता के पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं। दृष्टिबाधितजन पोर्टल पर उपलब्ध सभी सामग्री टॉकिंग साफ्टवेयर के जरिए आसानी से सुन सकते हैं। वे विभिन्न अधिसूचनाओं की स्कैन्ड कॉपी भी पढ़ सकते हैं। ऑनलाइन फॉर्म भी वे स्वयं भर सकते हैं।
मूकबधिर व्यक्तियों के लिए ऑडियो के साथ लिखित पंक्तियां भी होंगी। पोर्टल पूरी तरह से एक्सिसिबिल है। इसका इस्तेमाल वे लोग भी कर पाएंगे जो हाथ से माउस नहीं चला सकते। प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय के तत्कालीन अधिष्ठाता (योजना) प्रो. एमएस चौहान की अध्यक्षता में वेबपोर्टल के लिए बनी समिति में प्रो. मनु सूद, प्रो. हिम चटर्जी, डॉ. मुकेश कुमार, शशि डोगरा एवं डॉ. बलबीर ठाकुर शामिल थे।