शिमला जिला के मशोबरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत पीरन का ट्रहाई गांव मूलभूत सुविधाओं और विशेषकर पेयजल सुविधा से वंचित होने पर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । गत बरसात के दौरान गांव के लोगों ने छत से टपकने वाले बारिश के पानी को इकटठा करके अपनी प्यास बुझाई परन्तु सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के उप मण्डल कार्यालय कोटी को बार बार आग्रह करने पर भी कोई व्यवस्था नहीं की गई ।
इस बात की जानकारी देते हुए ट्रहाई गांव के समाजिक कार्यकर्ता प्रीतम सिंह ठाकुर और देवेन्द्र कुमार इत्यादि ने बताया प्रदेश सरकार लोगों को मूलभूत सुविधाऐं प्रदान करने के लिए प्रयासरत है परन्तु सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के उदासीन रवैये के कारण ट्रहाई गांव के लोगों को पीने का पानी भी खरीद कर पीना पड़ रहा है जिससे प्रतीत होता है कि यह महकमा सरकार की छवि बनाने नहीं बल्कि बिगाड़ने में लगा हुआ है ।
प्रीतम सिंह ठाकुर ने कहा कि विभाग के रिकार्ड मेें ट्रहाई गांव में पानी की व्यवस्था की गई है परन्तु धरातल में स्थिति कुछ भिन्न है । उन्होने कहा कि पूरी बरसात में ट्रहाई गांव प्यासा रहा परन्तु विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी । गांव के लोगों द्वारा विभाग के उदासीन रवैये को देखते हुए स्वयं चंदा एकत्रित करके पीने की अस्थाई व्यवस्था की और अब पीने के पानी के लिए प्रत्येक परिवार को एक सौ रूपये प्रतिमाह अदा करना पड़ रहा है जिससे गरीब लोगोें का काफी परेशानी पेश आ रही है ।
यही नहीं लगभग 37 वर्ष पूर्व सरकार द्वारा इस गांव के लिए से सिंचाई के लिए बोजोनाली नामक से कूहल तैयार की गई थी जिसके माध्यम से इस गांव के किसान नकदी फसले उगाते थे परन्तु यह कूहल भी अब तहत-नहस हो चुकी है और विभाग द्वारा कूहल की मुरम्मत एवं सवंर्धन के लिए कोई पग नहीं उठाए जा रहे है जबकि इस गांव में 99 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर है । सिंचाई सुविधा न होने से लोग अपनी सीजन अर्थात टमाटर, मटर इत्यादि लगाने से महरूम हो गए है ।
उन्होने बताया कि ट्रहाई गांव के मिडल स्कूल में अध्यापकों की कमी के कारण अभिभावकों को स्थानीय स्तर पर रखे अध्यापक को प्रत्येक विद्यार्थी एक सौ रूपये प्रति माह फीस अदा करनी पड़ती है जिसे अदा करने में गरीब लोगों को बहुत परेशानी पेश आ रही है जबकि शिक्षा के अधिकार में अंतर्गत किसी भी विद्यार्थी को स्कूल में फीस अदा नहीं करनी पड़ती है ।
यही नहीं इस वर्ष बच्चों को सरकार द्वारा वर्दी भी नहीं दी गई । इसके अतिरिक्त पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा ट्रहाई गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया था जोकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सहारे चल रहा है । इस पीएचसी में न ही डॉक्टर है न ही को पैरा मेडिकल स्टाफ है और लोगों को छुटपुट बिमारी के इलाज के लिए सोलन जाना पड़ता है । इसी प्रकार विद्युत बोर्ड द्वारा इस गांव के गरीब लोगों को थ्री फेज लाईन से वंचित रखा गया है जिस कारण कम वोल्टेज से गरीब लोगों के बच्चे रात को पढ़ाई करने से वंचित रह जाते है ।
प्रीतम ठाकुर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि ट्रहाई गांव में मूलभूत सुविधाऐं उपलब्ध करवाने पर ध्यान दिया जाए और पेयजल तथा पुरानी कूहल की आवश्यक मुरम्मत अविलंब करवाई जाए ताकि किसान अपनी अपनी नकदी फसल उगाकर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सके । इसके अतिरिक्त मिडल स्कूल ट्रहाई में अध्यापकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए और पीएचसी में चिकित्कों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के पदों को भरा जाए ताकि लोगों को स्वास्थ्य सुविधा घरद्वार पर उपलब्ध हो सके ।