गोबिंदसागर जलाश्य में कार्यरत भाखडा सहकारी सभा के ‘मत्स्य आवतरण केन्द्र के सर्वोत्तम प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिलना गौरव की बात

निदेशक एवं प्रारक्षी, मत्स्य हिमाचल प्रदेश सतपाल मैहता ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, पशुपालन, डेयरी एवं मात्स्यिकी विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मत्स्य-कृषक दिवस 2018 का आयोजन आन्ध्रप्रदेश के विषशाखापट्नम में वाईएमसीए सभागार में 9 से 10 जुलाई 2018 तक आयोजित किया गया। समारोह का शुभारंभ रमेश कुमार, संयुक्त सचिव पशुपालन, डेयरी एवं मात्स्यिकी विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष 10 जुलाई राष्ट्रीय मत्स्य-कृषक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

मैहता ने बताया कि इस दिवस में मात्स्यिकी के क्षेत्र में देश भर से इस क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले मत्स्य पालकों, मत्स्य जीवियों एव उद्यमियों का चयन किया जाता है ताकि नील क्रांति में निर्धारित लक्ष्यों की आपूर्ति हेतु इनको प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हिमाचल प्रदेश मात्स्यिकी विभाग के गोबिंदसागर जलाश्य में कार्यरत भाखडा सहकारी सभा के ‘मत्स्य आवतरण केन्द्र के सर्वोत्तम प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार’ प्रदान किया गया जिसमें 51 हजार रू0 की नकद राशि दी गई। उन्होंने बताया कि पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए भाखडा सहकारी सभा के प्रधान को प्रशस्ति पत्र तथा 51 हजार रू0 की नकद राशि व स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

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इस आवतरण केन्द्र को हाल ही में हाईटैक आवतरण केन्द्र के रूप में निर्मित किया गया है इसमें अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं ताकि मछली को देर तक ताजा रखा जा सके और इसका उचित मूल्य बाजार में मिल सके। उन्होंने बताया कि भाखडा सहकारी सभा की स्थापना 20 दिसम्बर, 1979 को की गई थी जिसके आज 360 सदस्य है। इस सहकारी सभा में 118 लाईसैंस धारक हैं जो मत्स्य पालन में जुड कर अपनी आजीविका अर्जित कर रहे। इस सहकारी सभा ने वर्ष 2017-18 मंे 55.78 मीट्रिक टन मछली पकड़ी जिसका मूल्य 40.01 लाख रूपये था।

सर्वोत्तम प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने पर हिमाचल प्रदेश के पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री विरेन्द्र कंवर ने मात्स्यिकी विभाग हिमाचल प्रदेश व भाखडा मत्स्य सहकारी सभा के सभी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि देश भर से आए मत्स्य किसानों एवं मत्स्य जीवियों में से हिमाचल जैसे छोटे राज्य को यह पुरूस्कार मिलना गौरव की बात है और इससे प्रदेश के युवाओं को इस व्यवसाय से जुडने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र में इस राष्ट्रीय पुरस्कार का मिलना इस बात का सूचक है कि इस सहकारी सभा ने अपने तीन दशक पुराने गौरव को संभाल कर रखा है।

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