(जसवीर सिंह हंस ) सबसे बड़ी बात है कि सरकार व नेताओ के वादों के बाद भी नदी पर पुल नहीं बन सका है | लोग अपनी जान जोखिम में डालकर अब भी झूले या रस्सो के सहारे ही नदी पार कर रहे है | वही कांग्रेस व भाजपा बस वोट के नाम पर लोगो को बस वायदे कर रही है | शिलाई के लोगो का दर्द सरकार केवल राजनीती कर दूर करने का दिखावा करती है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है |
दरअसल गिरीपार के मोहराड़ क्षेत्र से उत्तराखंड के कवाणू के बीच टौंस नदी पर एक झूला पुल बना हुआ है। दशकों से टौंस नदी पर पुल बनाने की मांग की जा रही है। मगर आज तक सरकार ने इस दिशा में शायद ही कोई उचित कदम उठाया हो। नतीजतन रोजाना गिरीपार से उत्तराखंड के कवाणू से होते हुए जोनसार बाबर का सफर टौंस नदी पर जान हथेली पर रखकर पार किया जा रहा है। कई दशकों से लोग इसी झूल पुल के जरिये नदी को आरपार करते आ रहे हैं। सड़कों-पुलों के दावे करने वाली सरकार के यहां सभी दावे फेल हो रहे हैं। नतीजतन लोगों ने भी शायद यहां पुल बनने की आस छोड़ दी है, क्योंकि दशकों बाद भी उनकी मांग को आज तक सरकार ने पूरा नहीं किया है ।
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कांडो-भटनोल के गांव कामोटा के एक युवक की टौंस नदी के झूले से गिरने पर मौत हो गई। झूले पार करते समय का नियंत्रण बिगडने से युवक झूले से गिर गया इसके बाद युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था ।अस्पताल ले जाते वक्त युवक की मौत हो गई थी। युवक अपने पीछे 2 बच्चे और पत्नी छोड़ गया। मृतक की पहचान 32 वर्षीय टीकम चंद निवासी गांव कामोटा के रूप में हुई है, जोकि विकासनगर के लिए टौंस नदी के झूले से सोंठ ले जा रहा था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सोंप दिया है |