राज्य सरकार प्राकृतिक एवं मानव निर्मित जलाशयों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए वृहद योजना तैयार करेगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां पर्यटन और जल खेलों की कार्य योजना के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न भागों में ऊर्जा परियोजना के निर्माण के कारण अनेक जलाशय निर्मित हुए हैं जिनमें पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इन्हें पर्यटकों को आकर्षित करने और जल क्रीड़ा के लिए प्रमुख आकर्षण के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन, विद्युत और युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति कार्य योजना तैयार करेगी और सरकार को एक माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि चमेरा जलाशय में नौकायन और शिकारा व अन्य पानी के खेल आरम्भ करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन गतिविधियां से स्थानीय लोगों को रोज़गार व स्वरोज़गार सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि पोंग बांध न केवल पक्षी प्रेमियों के लिए प्रमुख आकर्षण के रूप में उभरा है बल्कि इसे जल क्रीड़ा प्रेमियों के लिए एक पसन्दीदा गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मंडी जिला के पंडोह बांध में नौकायन प्रारम्भ करने और अन्य जल खेलों की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। इसके अतिरिक्त सुन्दरनगर झील में नौकायन और संबंधित गतिविधियों को आरम्भ करने का भी पता लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि लारजी और भाखड़ा बांध जैसे अन्य जलाशयों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कोल बांध में भी जल क्रीड़ाओं की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उपयुक्त अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर जल क्रीड़ा गतिविधियों को शीघ्र आरम्भ किया जाए।
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, मुख्य सचिव विनित चौधरी, मुख्य मंत्री के प्रधान सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन तरूण कपूर, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह, सचिव भाषा कला एवं संस्कृति डॉ. पूर्णिमा चौहान, निदेशक पर्यटन सुदेश मोक्टा और वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।