(जसवीर सिंह हंस) बेशक प्रदेश सरकार खनन माफिया को लेकर उत्तराखंड की तर्ज पर नई नीति बनाने की बात कर रही है। लेकिन जिला सिरमौर में खनन माफिया का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जिले में खनन माफिया इस कदर बढ़ गया है कि अपने मुनाफे के लिए माफिया के लोग यमुना व गिरी नदी का सीना छलनी कर रहे है। पाबंदी के बावजूद यमुना व गिरी नदी में खनन माफिया बिना किसी रोक टोक खनन करने में मशगूल है।
सूत्रों के मुताबिक विधायक सुखराम चौधरी के चहेते व कुछ भाजपा के लोगो खनन के काम में जुट गये है है अधिकारी तबादले के डर से इनके खिलाफ कड़ी कारेवाही करने से गुरेज कर रहे है | अब देखना है की खनन को मुद्दा बनाने वाली प्रदेश सरकार अपने विधायक को क्या निर्देश देती है | कुछ भाजपाई तो धरती का सीना छलनी करने के लिए क्रेशर लगाने में मशलुग है व कुछ तेयारी कर रहे है कुछ के पहले क्रेशर है व सरकार में जुगाड़ लगा कुछ और क्रेशर लगाने की तेयारी कर रहे है | वही विपक्ष में रहते शोर मचाने वाले व मोजुदा विधायक सुखराम चौधरी के मुह पर अब ताला लग गया है |
इस पर लगाम लगाने पर भी पुलिस व् अन्य विभाग कमजोर दिख रही है। अब तो खनन माफिया पुलिस व प्रशासन पर भारी दिख रहा है। खनन विभाग भी मात्र दो चार चालान काट कर अपने काम को अंजाम दे रहा है। माफिया के लोग रात के समय टिप्परों और ट्रैक्टर ट्रालियों के जरिए रेत और बजरी की सप्लाई करते हैं। खनन माफिया दिन रात इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहा है।
खड्डों को खाली कर माफिया का रेत, बजरी निकालने का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। माफियाओं का अवैध कारोबार इस कद्र बढ़ रहा हैं है कि अब प्रशासन भी अपना शिंकजा कसने में कमजोर दिख रहा है।माफिया के लोगों को पुलिस प्रशासन का डर होता प्रतीत नहीं दिख रहा है इतना ही नहीं खड्डों को खाली कर खनन माफिया के लोग रेत बजरी को अधिक रेट में बेचकर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।
अब तो पुलिस व अन्य विभाग भी खनन माफिया के आगे नतमस्तक होता दिखाई दे रहे है। हालांकि पुलिस प्रशासन इन अवैध खननों पर लगाम लगाने की कोशिश तो कर रहा है, लेकिन फिर भी इन माफिया के लोगों को पुलिस प्रशासन का डर होता प्रतीत नहीं दिख रहा। सूत्रों के मुताबिक खनन माफिया के लोगो को अधिकारी अपने दफ्तरों में बिठा कर चाय पानी पिला रहे है | कई लोगों ने खनन माफिया के इस अवैध कारोबार के बारे में पुलिस प्रशासन को सूचित भी किया और पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई भी की, बावजूद इसके खनन माफिया का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार खनन माफिया को लेकर नई नीति कब लागू करती है, इससे सिरमौर में खनन माफिया पर काबू पाया जा सकता है या नहीं |