हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार बिलासपुर में आने वाले देसी व विदेशी पर्यटकों को जिला की संस्कृति, रहन सहन तथा जिला के राजस्व में बढोतरी के साथ साथ स्थानीय किसानों, बेरोजगार नवयुवकों को रोजगार के अवसर देने के लिए जिला में एगी्र ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाश करने के लिए उपायुक्त बिलासपुर विवेक भाटिया, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विनय कुमार तथा कृषि उप निदेशक बिलासपुर डी.एस. पंत द्वारा जिला मुख्यालय से 16 कि0मी0 दूरी पर स्थित गाॅंव पनौल के किसान हरवंश के घर का दौरा को किया गया।
किसान हरवंश के पास लगभग 25 से 30 बीघे का कृषि प्रक्षेत्र फार्म है जिसमें अफ्रीकन बकरीयों का पालन, सुधरी किस्म की गायें, आम व सेब का बगीचा, विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती, रहने के लिये अच्छा भवन तथा खुला वातावरण उपलब्ध है।
उपायुक्त तथा उनकी टीम ने पाया कि यह जगह बिलासपुर आने वाले देसी व विदेशी पर्यटकों के लिये वरदान साबित हो सकती है जिससे किसान एगी्र ईको टूरिज्म को अपनाकर अपनी आर्थिकी सुदृढ कर सकते हैं। इस बारे में किसान ने अपनी सहमति उपायुक्त को जाहिर की।
तत्पश्चात् टीम द्वारा निहारी के गाॅंव जाहडी के किसान बलदेव, करतार तथा शंकर इत्यादि के साथ भी एगी्र ईको टूरिज्म के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की गई। टीम ने पाया कि पर्यटकों को देखने के लिये आम के बगीचे, संरक्षित खेती में विभिन्न फसलों का उत्पादन तथा अच्छे मकानों की सुविधा उपलब्ध है जो कि किसानों की आय को बढा सकती है। इस बारे में किसानों ने अपनी सहमति प्रकट की।
टीम द्वारा जैविक कृषि को बढावा देने वाले गाॅंव भदरोग तथा उसमें रहने वाले किसान बलवीर तथा उसके सहयोगी किसानों के खेतों का दौरा किया गया तथा टीम ने विभिन्न जैविक खाद बनाने वाले यूनिट वर्मी वाश, वर्मी कम्पोस्ट, मटका खाद, जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य तथा अन्य तकनीके जो किसानो द्वारा अपनाई जा रही है का अवलोकन किया।
उपायुक्त विवेक भाटिया ने इस अवसर पर बताया कि निकट भविष्य में किसानों द्वारा तैयार किये जा रहे जैविक उत्पाद को बेचने के लिये प्रशासन द्वारा प्रयास किए जाएगें।
उपायुक्त विवेक भाटिया ने बताया कि बिलासपुर में पर्यटन को यदि यहां पर विकसित कृषि फार्मो से जोडा जाए तो बडे शहरों के लोगों के लिए यह वीकैण्ड कट आॅफ डैस्टीनेशन (सप्ताह के अन्त की छुट्टियां मनाने) के तौर पर विकसित किया जा सकता है।