( धनेश गौतम ) टकोली सब्जी मंडी के समीप क्रशर लगाने के विरोध में स्थानीय जनता सड़कों पर उतरी है। मंगलवार को वहां के ग्रामीणों ने क्रशर के विरोध में धरना प्रदर्शन किया और क्रशर मालिक व सरकार के खिलाफ जमकर नारेवाजी की। इसके बाद सैकड़ों ग्रामीणों ने तहसीलदार औट के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा कि गांव के बीचों बीच लगाए जा रहे इस क्रशर को यदि शीघ्र बंद नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ग्रामीणों ने बताया कि आंदोलन तेज होगा और टकोली में नेशनल हाईवे पर चक्का जाम भी किया जाएगा।
ग्रामीणों ने क्रशर मालिक पर मनमानी व नियमों को ताक पर रखने का आरोप लगाया है। यही नहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि क्रशर को स्थापित करने के लिए सैकड़ों पेड़ों की बलि दी गई हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस क्रशर को स्थापित करने के लिए टकोली में क्रशर मालिक ने सैंकड़ों पेड़ों की सरकारी भूमि में बलि दी और सरकार व सरकार का विभाग खामोश बैठा है। वन विभाग के कान में जूं तक नहीं रैंगी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यदि कोई गरीब व्यक्ति एक पेड़ काट देता है तो उसके पीछे पुरा विभाग व सरकार पड़ी होती है लेकिन जब एक धन्नासेठ पेड़ काटता है तो सरकार व विभाग खामोश हो जाते है।
कोटाधार पंचायत के प्रधान चैने राम, स्थानीय निवासी, ज्ञान चंद, गुड्डु, सोनू, आदि ने बताया कि टकोटी में आबादी के बीच में एक धन्ना सेठ द्वारा क्रशर लगाया जा रहा है। यह क्रशर नियमों को ताक पर रखकर लगाया जा रहा है। इस क्रशर के लग जाने से जहां ग्रामीणों को भारी परेशानी होगी वहीं यहां पर क्रशर की धूल मिट्टी से उपजाऊ जमीन भी बंजर हो जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि सैंकड़ों पेड़ों के काटे जाने से पर्यावरण को भी भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर सरकरी जमीन पर पहले एक गरीब परिवार का कब्जा था। लेकिन क्रशर मालिक ने विभागीय कार्रवाई करवाकर गरीब परिवार से जमीन छुड़ाई और अब वहां पर क्रशर स्थापित कर रहा है। ग्रामीणों ने बतया कि जिस गरीब परिवार से यह जमीन छुड़ाई वह परिवार सदमें में चला गया और परिवार के मुख्य की सदमे में ही मौत हो गई।
ग्रामीणों ने धमकी दी है कि वे किसी भी सूरत में इस क्रशर को स्थापित नहीं होने देंगे चाहे उन्हें इसके लिए कोई भी किमत क्यों न चुकानी पड़े। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले को गंभीरता से ले और क्रशर को बंद किया जाए। उधर, भाजपा नेत्री सुनीता ठाकुर भी क्रशर के स्थापित होने के विरोध में उतरी है। सुनीता ठाकुर ने कहा कि यह क्रशर पूरी तरह से नियमों को ताक में रखकर लगाया जा रहा है। इससे ग्रामीण लोगों को भारी नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि फसलें तो बर्बाद होगी ही वहीं साथ आंगनबाड़ी स्कूल और साथ में आम रास्ता भी है वह भी प्रभावित होगा। उधर, क्रशर मालिक राजेश राव ने कहा कि ग्रामीणों के आरोप निराधार है। उन्होंने कोई भी परमिशन लेकर क्रशर लगाने का कार्य शुरू किया है और उनके पास किसी भी तरह की नजायज भूमि नहीं है। यदि नजायज भूमि निकलती है तो वह खूद क्रशर को उखाड़ देंगे।