( नीना गौतम ) कहते हैं कुदरत के आगे किसी का कुछ नहीं चलता। ये बागवानों के लिए कहर कहें या बेमौसती ओलावृष्टि। बीती शामनिरमंड की गमोग पंचायत के कई गोव में भारी ओलावृष्टि हुई है। जिससे सेब की फसल यहां पूरी तरह से तबाह हो गई है। गमोग पंचायत के गांव छोटा शरशाह,बड़ा शरशाह,लुहारला,नाला मागगी,धारा मागगी,मरगी और तांदी आदि गांव में अगस्त के महीने हुई ओलावृष्टि बागवानों पर कहर बनकर टूटी है।
क्योंकि बेमौसमी ओलावृष्टि होने से क्षेत्र के बागवानों को भारी नुकसान पहुंचा है। अभी इन गांव में सेब का सीजन चरम पर है। ओलावृष्टि ने सेब पर गहरे घाव दिए और बागवानों की साल भर की मेहनत को कुछ ही मिनट में तबाह कर दिया। जिला परिषद सदस्य पप्पी बिष्ट का कहना है कि उक्त क्षेत्रों में अगस्त के महीने में हुई ओलावृष्टि से बागवानों को भारी क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि ऐसा बहुत सालों बाद हुआ है कि अगस्त के महीने ओलावृष्टि हुई । किसी को इतना आभास भी नहीं था कि कुदरत उनके साथ ऐसा करे।
अचानक हुई ओलावृष्टि से हर कोई हैरान है। उन्होंने कहा कि उन्होंने उक्तक्षेत्रों का दौरा किया है जिसमें उन्होंने पाया है कि बागवानों को भारीनुकसान हुआ है जिसकी भरपाई सरकार की मदद के बिना असंभव है। उन्होंने सरकार तथा प्रशासन से मांग उठाई है कि प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना कर बागवानों को हर संभव सहायता दी जाए।