दशहरा कमेटी ने रिश्तेदार को बेच डाली उत्सव की सांस्कृतिक संध्याएं 

कलाकारों ने लगाया आरोप हिमाचली कलाकारों का किया जा रहा है शोषण ख

कुल्लू  में देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया और कलाकारों पर भी लाखों की बरसात हुई लेकिन अब धीरे-धीरे दशहरा कमेटी एवं प्रशासन की पोल खुलने लगी है। आरोप यह है कि जिला प्रशासन ने एक अपने रिश्तेदार को लाभ पहुंचाने के लिए सांस्कृतिक संध्याएं बेच डाली थी।

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कलाकारों के यह आरोप है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में कार्यरत एक अधिकारी हिमाचल के हर मेलों में इस तरह से स्थानीय कलाकारों के कार्यक्रमों व मंच को हाईजैक कर लेता है और उसके बाद उक्त अधिकारी भी अपने-अपने चहेते कलाकार को मंच पर कार्यक्रम देने बुलाता है। जबकि अन्य कलाकारों का शोषण किया जा रहा है। कुल्लू दशहरा में भी उक्त अधिकारी ने प्रशासन के साथ सांठ-गांठ करके लालचंद पार्थी कलाकेंद्र को हाईजैक कर दिया था और अपने-अपने चहेतों कलाकारों को मंच प्रदान करवाया गया और लाखों रूपए बहाए गए।

इन कलाकारों में तो कई ऐसे भी कलाकार थे जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र की गरीमा ही दांव पर लगा दी। हिमाचली लोकगायक लीलाधर चौहान सहित कई कलाकारों ने आरोप लगाए हैं कि उक्त अधिकारी ने दशहरा कमेटी के साथ सांठ-गांठ करके हिमाचली कलाकारों के साथ भेदभाव किया है। लीलाधर चौहान ने बताया कि इसकी शिकायत वे दशहरा कमेटी के अध्यक्ष को उत्सव के दौरान ही दे चुके थे लेकिन इस पर कोई गौर नहीं फरमाया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि उक्त अधिकारी के पास कौन सी उपलब्धि या उपाधि है जिसके आधार पर दशहरा कमेटी ने हिमाचली लोकगायकों के चयन में रखा था।

कलाकारों ने यह भी कहा है कि पहले दशहरा पर्व में सांस्कृतिक कमेटी का गठन होता था और यही कमेटी कलाकारों का चयन करती थी लेकिन इस बार सिर्फ उक्त अधिकारी को ही प्रशासन ने चयन का ठेका दे रखा था। हिमाचली कलाकार लीलाधर चौहान ने बताया कि एक पत्र 17 अप्रैल 2017 को भाषा एवं संस्कृति विभाग ने सभी उपायुक्तों को इस संदर्भ में भेजा था कि इस तरह के व्यक्ति को लोकगायकों का ठेका न दिया जाए और सांस्कृतिक कमेटी ही उत्सवों में कलाकारों का चयन करवाएं। उन्होंने बताया कि मंडी शिवरात्री अंतरराष्ट्रीय महोत्सव से भी उक्त अधिकारी को बाहर किया गया है और उक्त अधिकारी पर हिमाचली कलाकारों को अपमानित व धमकाने पर मामले दर्ज हुए हैं। बाबजूद इसके उक्त अधिकारी को लोक कलाकारों के ठेके क्यों दिए जा रहे हैं।

लीलाधर चौहान ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग निदेशक को भी इसकी शिकायत भेजी है और पूछा गया है कि उक्त अधिकारी अपनी ड्यूटी को छोड़कर हिमाचल के हर मेलों में कलाकारों के सौदेवाजी करने आते हैं। इसके अलावा बहुत सारे कलाकारों ने इस तरह के आरोप लगाए हैं। जिसके चलते दशहरा कमेटी एक बार फिर से कटघरे में खड़ी हो गई है और अब कई ऐसे मामले सामने आने लगे हैं जिससे पता चल रहा है कि दशहरा कमेटी ने क्या-क्या गुल खिलाए हैं। बहरहाल कलाकारों के शोषण का यह मामला उलझता जा रहा है।

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