पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज बताया कि प्रदेश में पहली जून से 31 जुलाई 2018 तक मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन विभाग ने सामान्य जलाश्यों में किसी भी प्रकार के मछली शिकार पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया है। इस अवधि के दौरान मछली की बिक्री पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इसके लिए विभाग विशेष शिविर लगाएगा, जिसके अन्तर्गत कर्मचारी बल तैनात कर दिए गए हैं, जो जल एवं सड़क मार्गों से गश्त कर मत्स्य धन की सुरक्षा सुनिश्चित बनाएंगे। इस तरह के 16 शिविर पौंग जलाश्य, 17 शिविर गोबिन्द सागर, दो शिविर कौल डैम, दो शिविर चमेरा तथा दो शिविर रणजीत सागर में लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग द्वारा प्रतिवर्ष सामान्य जलाश्यों में दो माह के लिए मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है। इस अवधि में अधिकतर महत्वपूर्ण प्रजातियों की मछलियां प्राकृतिक प्रजनन करती हैं जिससे इन जलों में स्वतः मछली बीज संग्रहण हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मत्स्य पालन विभाग द्वारा जलाश्यों में भारतीय मेजर कार्प एवं सिल्वर कार्प प्रजाति का मछली बीज संग्रहण किया जाएगा। इस अवधि के दौरान प्रदेश के जलाश्यों में कार्यरत 4090 मछुआरों को ‘बन्द सीजन राहत भत्ता योजना’ के अन्तर्गत दो माह के लिए 1500 रुपये की राशि प्रति मछुआरा प्रतिमाह प्रदान की जाएगी। मंत्री ने बताया कि इससे संबंधित जानकारी राज्य व विभागीय वैबसाईट पर भी उपलब्ध है ताकि लोग व पर्यटक मत्स्य आखेट न करें। उन्होंने प्रदेश के सभी वर्गों से इस प्रतिबन्ध को सफल बनाने के लिए व्यापक सहयोग की अपील की।