( विजय ठाकुर ) उत्तर भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ का सरकारीकरण सहन नही किया जाएगा। कुछ राजनीति लोगो ने अपनी रोटियां सेकने के लिए अब मंदिर पर राजनीति करना शुरु कर दी है । शिवसेना हिन्दुस्तान हमेशा ही मन्दिरो के सरकारीकरण के विरोध मे रही है । प्रदेश के बाकी सरकार के अधीन मन्दिरो को निजी करने की मांग उठाती रही है । जो कि सरकार के पास लांम्बित पड़ी है। पर अब इस मन्दिर का सरकारी करण नही होने दिया जाएगा। यह शब्द आज शिबसेना हिन्दुस्तान के प्रदेश चैयरमेन रामेश दत्त कालिया ने फतेहपुर मे पत्रकारो को सम्बन्धित करते हुए कहे । उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्मा किसी भी मन्दिर के सरकारीकरण मे विश्वास नही रखता है।
उन्होने कुछ नेताओ के मन्दिर को सरकारीकरण करने के व्यान को हास्यास्पद बताते हुए इसे राजनीति से प्रेरित वताया है। गौर रहे कि मंडल युकां अध्यक्ष डॉक्टर अभिषेक ठाकुर एवं इंदौरा विस क्षेत्र के पूर्व विधायक बोध राज ने उत्तर भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ के सरकारीकरण किए जाने की राज्य सरकार के समक्ष मांग उठाई है। इस बारे युकां इंदौरा मंडल अध्यक्ष डॉक्टर अभिषेक ठाकुर, पूर्व कांग्रेसी विधायक बोध राज ,काठगढ़ पंचायत की प्रधान रानी देवी, उपप्रधान शेर अली, पराल पंचायत प्रधान केवल कृष्ण, बसंतपुर पंचायत की प्रधान आशु देवी, आदि ने मांग उठाई थी कि जिस तरह से प्राचीन व ऐतिहासिक मंदिरों को सरकार ने अधिगृहित किया है, उसी तरह उक्त मंदिर को भी अधिगृहित करें व स्वयंभू प्रकट आदशिवलिंग को राज्य धरोहर का दर्जा दिया जाए। जिसका शिबसेना हिन्दुस्तान ने कडा संज्ञान लेते हुए ब्यान का विरोध जताया है। कालिया ने कहा कि सरकार ऎसा कोई निर्णय लेती है तो सरकार को शिबसेना हिन्दुस्तान के सार्वजनिक विरोध का सामना करना पडे़गा । शिबसेना हिन्दुस्तान ने इस मामले को लेकर लाल दिखाई दी । उनहोंने कहा कि शिबसैनिक आन्दोलन करने से भी परेज नही करेगी।