हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नज़दीक समरहिल चौक पर बेसहारा हालत में मिली मनरोगी महिला को उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने पुलिस और कोर्ट के माध्यम से राज्य मनोरोग अस्पताल में भर्ती कराया दिया। अब वहां उसका मुफ्त इलाज और पुनर्वास होगा।अजय श्रीवास्तव ने बताया कि वीरवार की देर शाम को उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भजन नेगी से अनुरोध किया था कि मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम की धारा 23 के अंतर्गत बेसहारा मनोरोगी महिला को संरक्षण में लिया जाए। उन्होंने तुरंत पुलिस भेज कर महिला को संरक्षण में ले लिया। आज उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया जिसने उसे मनोरोग अस्पताल भेजने के आदेश दिए। महिला को आज मनोरोग अस्पताल में दाखिल कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि उमंग फाउंडेशन द्वारा मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए छेड़े गए इस अभियान ने अब जनांदोलन का रूप ले लिया है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लोग बेसहारा मनोरोगियों को देखकर अजय श्रीवास्तव से संपर्क करते हैं जो पुलिस के माध्यम से उन्हें मनोचिकित्सक तक पहुँचवाते हैं। अभीतक कई ऐसे मनोरोगियों को मनोरोग अस्पताल भिजवाया जा चुका है।श्रीवास्तव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट के 4 जून, 2015 को दिए आदेश में मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम की धारा 23 और 24 के अंतर्गत बेसहारा मनोरोगियों को बचाने के लिए ज़िला पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिए थे। लेकिन ज्यादातर पुलिस अधीक्षक हाईकोर्ट के आदेशों को नहीं मान रहे हैं।