प्रदेश सरकार राज्य में लड़कियों के कल्याण व उत्थान के लिए शीघ्र बोर्ड गठित करेगी ताकि प्रदेश की बेटियों को उनके सम्बन्धित क्षेत्रों में श्रेष्ठ बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 10 मुख्यमंत्री आदर्श विद्यालय खोले जाएंगे जिनमें से पांच विद्यालय केवल लड़कियों के लिए होंगे। मुख्यमंत्री आज यहां मानवी संस्था द्वारा आयोजित ‘बेटियों को सम्मान’ समारोह की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी समाज में बेटे के जन्म को बड़े हषोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन बेटियों के जन्म पर उत्साहीनता देखने को मिलती है। उन्हांने कहा कि यह सब कुछ सामाजिक बुराईयों व पुराने मिथ्यों के कारण है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में महिलाओं की स्थिति अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार के प्रयासों तथा लोक जागरूकता के कारण लिंगानुपात में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह समय की आवश्यकता है कि हम सभी सुदृढ़ व प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए महिलाओं के कल्याण व उत्थान के लिए मिलजुल कर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रत्येक का दायित्व बनता है कि महिला सशक्तिकरण व बालिका को समान अधिकार के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा व उत्थान के लिए गुड़िया हैल्पलाइन तथा शक्ति एप्प आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सही अर्थों में महिला उत्थान व स्वच्छता अभियान पर ध्यान केन्द्रित किया है। यह दोनों ही मामले उनके प्रिय हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 24 लड़कियों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने पुरस्कार जीतने वाली बेटियों के उज्ज्चल व खुशहाल भविष्य की कामना की। उन्होंने अपनी ऐच्छिक निधि से पुरस्कार प्राप्त करने वाली 24 लड़कियों को 21 हजार रुपये देने की भी घोषणा की।
शिक्षा मंत्री श्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में पूर्व में भी रही भाजपा की सरकारों ने महिलाओं के कल्याण व उत्थान के लिए हमेशा ही सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि आज केन्द्र में रक्षा एवं विदेश मंत्रालय की मुखिया महिला है, जो नरेन्द्र मोदी सरकार की देश में महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति वचनबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति व सभ्यता में महिलाओें को उच्च स्थान दिया गया है, परन्तु दुर्भाग्य से अनेक सामाजिक बुराईयों के कारण इसमें कमी आई हैं। उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए मिल-जुल का कार्य करना चाहिए ताकि महिलाओं को विकास व प्रगति के समान अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए लड़कियों को शिक्षित करना आवश्यक है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाअें के कल्याण व उत्थान के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि लड़कियां आज हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रही है, परन्तु लिंगानुपात में गिरावट चिन्ता का विषय है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न योजनाओं को आरम्भ करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजेन्द्र फड़के ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वरोज़गार व अन्य क्षेत्रों के लिए 147 कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की हैं। उन्हांने सामाजिक संगठनों व गैर सरकारी संगठनों से कन्या भ्रूण हत्या व लिंग परीक्षण जांच जैसी सामाजिक बुराईयों पर नजर रखने के लिए आगे आने का आग्रह किया।
राज्यसभा की पूर्व सांसद श्रीमती विमला कश्यप ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर संस्थान की विभिन्न गतिविधियों बारे जानकारी दी।इस अवसर पर स्कूली बच्चां द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती डॉ. साधना ठाकुर, शहरी विकास मंत्री श्रीमती सरवीन चौधरी, नगर निगम शिमला की महापौर श्रीमती कुसुम सदरेट, मानवी संस्था की अध्यक्षा श्रीमती कान्ता मिनोचा, मानवी संस्था की प्रधान कुसुम शर्मा व अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।