बीते रोज मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के ओएसडी पर लगाये गये आरोप झूठ का पुलिन्दा साबित हो रहा है। सच्चाई से कोसो दूर एक बेवजह के ईमेल को छोटी ओच्छी व तुच्छ मानसिकता के चलते सच्चाई बनाकर कुछ इस प्रकार पेश किया गया कि समस्त सोशल मीडिया पर लोगो को भ्रमित किया जा रहा है।
सच्चाई जानने की कोशिश की गई तो हकीकत कुछ और ही निकली और इससे भी ज्यादा हैरत की बात तो यह निकली कि साजिशन प्रदेश सरकार के ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ व आरएसएस के पूर्व प्रचारक को ही बदनाम करने का ड्रामा रच दिया।
सच्चाई तो यह है कि महिला व उसके पति को काफी लम्बे समय पहले भारतीय जनता पार्टी से निष्काशित कर दिया गया था। इसी खुन्नस में कुछ लोगो ने अन्दर खाते मिली भगत से उसके पति को मीटिग में भेज दिया और जैसे ही सीएम के ओएसडी पार्टी की बैठक ले रहे थे तो महिला का पति अनुशासनहीनता दिखाते हुए बीच में ही बोल पडा इतने में सीएम के ओएसडी शिशु धर्मा ने सिर्फ इतना भर बोला कि तुम लोगोे की वह वीडियो हमारे पास है जिसमें आप और आपकी पत्नी भाजपा के खिलाफ कार्य कर रही है। बस बसी बात तो तूल देते हुए मामला सोशल मीडिया में वायरल किया गया।
वही विश्वसनीय सूत्रो से यह भी पता चल रहा है कि सीएम के ओएसडी शिशु ध्रर्मा ने कहा कि जिस वीडियो में आप और आपकी पत्नी पार्टी के खिलाफ कार्य कर रही है वह पार्टी के पास है। तो सिर्फ सच्चाई इतनी भर है कि बैठक में महिला के पति को डांटा गया और बैठ जाने को बोला गया और कहा कि वह वीडियो पार्टी आला कमान के पास है जिसमें पार्टी के खिलाफ कार्य किया जा रहा है।
इससे भी ज्यादा हैरत की तो यह सामने आ रही है कि जो मेल की गयी है वह भी गलत मेल आईडी पर की गयी है जब कि पवन राणा की मेल आईडी कुछ और ही है जोकि समाचार लिखे जाने तक उनकी आफीशियल मेल पर नही पहुंची है और मामले को तूल देते हुए एक कर्तव्यनिष्ठ व ईमानदार शख्शियत तो बदनाम करने की साजिश मात्र ही देखी जा रही है।