हिमाचल प्रदेश में जम्मू और कश्मीर के छात्रों का स्वागत , मुख्यमंत्री से की मुलाकात

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सांस्कृतिक आदान-प्रदान और छात्रों के विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक भ्रमणों से न केवल उनका देश की समृद्ध व विविध संस्कृति से परिचय होता है, अपितु इससे राष्ट्रीय एकता और भाईचारे को और सुदृढ़ करने में भी सहायता मिलती है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज यहां अपने सरकारी आवास ‘ओक ओवर’ में जम्मू और कश्मीर के छात्रों को सम्बोधित करते हुए कही। यह छात्र केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समग्र शिक्षा अभियान के तहत ‘स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम’ के तहत हिमाचल के दौरे पर हैं।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सार्वभौमिक पहुंच, समानता एवं गुणात्मकता, रोज़गारोन्मुख शिक्षा को बढ़ावा देना और अध्यापन शिक्षण संस्थानों का सुदृढ़ीकरण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा न केवल व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक है अपितु यह व्यक्ति में नैतिक मूल्यों का संचार भी करती है, जिससे वह एक उत्तरदायी और अच्छा नागरिक बनता है।जय राम ठाकुर ने कहा कि पड़ोसी राज्य होने के नाते हिमाचल प्रदेश व जम्मू और कश्मीर में भौगोलिक और जलवायु सम्बन्धित समानताएं हैं और दोनों राज्यों के लोग परिश्रमी और विनम्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों को संस्कृति, परम्परा, जीवनशैली और देश के अन्य भागों में रहने वाले लोगों की भावनाओं से परिचित करवाने में सहायक हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कश्मीर की स्थिति आज बहुत अच्छी नहीं है, किन्तु उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में कश्मीर अपने पुराने वैभव को पुनः प्राप्त करेगा तथा लोग भयमुक्त होकर इस प्रदेश में जाना-आना आरम्भ करेंगे।
जय राम ठाकुर ने आश्वासन दिया कि हिमाचल सरकार भी स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत प्रदेश के छात्रों को कश्मीर भेजने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की साक्षरता दर केरल के बाद भारत में दूसरे स्थान पर है और राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र को सुदृढ़ करने पर बल दे रही है।  शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश में जम्मू और कश्मीर के छात्रों का स्वागत करते हुए शिमला शहर के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर कश्मीरी छात्रों द्वारा एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया तथा छात्रों ने हिमाचल प्रदेश के दौरे से जुड़े अपने अनुभव भी सांझा किए।मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी डॉ. साधना ठाकुर, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर, प्रधान सचिव शिक्षा के.के. पंत और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और जम्मू-कश्मीर के शिक्षक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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