( जसवीर सिंह हंस ) रेडक्रॉस गतिविधियों का विस्तार ग्रामीण स्तर तक पहूंचाया जाएगा और सरकारी एवं निजी क्षेत्र में कार्यरत कॉलेज एवं शिक्षण संस्थानों तथा लोगों की रेडक्रॉस कार्यक्रम में भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि जिला में रेडक्रॉस कार्यक्रम को एक जन आंदोलन का रूप दिया जा सके और अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों की सेवा और सहायता हो सके ।
यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन ने आज यहां जिला परिषद भवन के सभागार में विश्व रेडक्रॉस दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए दी ।उन्होने कहा कि रेडक्रॉस संस्था विश्व की सबसे बड़ी गैर राजनैतिक स्वयंसेवी संस्था है जिसके पूरे विश्व के 186 देशों में रेडक्रॉस क्रॉस की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
उन्होने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत हमारे देश में वर्ष 1920 में संसदीय अधिनियम के तहत भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी का गठन किया गया ताकि रेडक्रॉस गतिविधियों को प्रसार व प्रचार जनमानस तक पहूंच कर इसका लाभ उठा सके । देश में रेडक्रॉस के असंख्य स्वंय सेवक विभिन्न प्रकार की आपदाओं में निरंतर निःस्वार्थ भावना से अपनी सेवाऐं दे रहे हैं.।
उन्होने कहा कि समाज सेवा हमारे लिए कोई नई अवधारणा नहीं हैं । यह मानव मन की वह मौलिक भावना है, जो हमें मुश्किल की घड़ी में अपने साथियों , गरीब, जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए तत्पर करती है । अपने पूर्वजों से हमें दूसरों के दर्द में दुःखी होने और गरीब, कमजोर व जरूरतमंद की सेवा और सहायता करने की शिक्षा विरासत में मिली है ।
उपायुक्त ने लोगों का आहवान किया है कि रेडक्रॉस में उदारता से योगदान देकर समाज सेवा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे। उन्होने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी समाज के निर्धन एवं जरूरतमंद लोगों की सेवा और सहायता करने के लिए समर्पित है तथा हर व्यक्ति को अपनी आय का कुछ भाग पीड़ित मानवता की सेवा में लगाना चाहिए , जोकि सही मायनों में एक पुनीत कार्य है।
उन्होने कहा कि आगामी अक्तूबर माह के दौरान नाहन चौगान और पांवटा में रेडक्रॉस मेले आयोजित किए जाएगें ताकि इन मेलों से अर्जित आय को जिला में पीड़ित एवं जरूरतमंद लोगों की आर्थिक सहायता की जा सके । उन्होने बताया कि रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा दिव्यागों को व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र इत्यादि मुफ्त प्रदान किए जाते है इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य संस्थानों में भी आवश्यक सुविधाऐं जुटाई जाती है । उन्होने कहा कि माता बालासुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर के परिसर में भी विभिन्न रोगों की जांच के लिए प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी ।