हिमाचल प्रवास पर आये नार्वे के राजदूत ने मत्स्य पालन में मदद का दिया भरोसा

( जसवीर सिंह हंस )  हिमाचल प्रवास पर आये नार्वे के राजदूत महामहिम नेल्स रेग्नार कामस्वेग ने हिमाचल प्रदेश में निर्मित नार्वे की सहायता से भारत नारवेजियन ट्राउट परियोजना पतली कूहल जिला कुल्लू, का प्रवास किया जिसमें उनके साथ उनकी पत्नी मारटा, द्वितीय सचिव श्री हेलगे ट्रयाती, वाणिज्य सलाहकार व दिल्ली में नार्वे दूतावास की वरिष्ठ सलाहकार श्रीमति आरती भाटिया उपस्थित थे। हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग के निदेशक श्री सतपाल मैहता ने पुष्पगुच्छ देकर महामहिम व उनके साथ आये अतिथियों का स्वागत किया।

उन्होनें जानकारी देते हुए बताया कि ट्राउट फार्म पतली कूहल के सभाग्रह में नार्वे जियन सरकार के सहयोग से निर्मित इण्डो नार्वे ट्राउट परियोजना पतलीकूहल की स्थापना से लेकर आजतक फार्म पर किये जा रहे कार्योे पर प्रकाश डालते हुए सतपाल मेहता ने कहा कि वर्ष 1909 में ब्राउन ट्राउट का आॅख वाले अण्डे कश्मीर से ला कर कुल्लू की ठण्डी नदियों में पहली बार डाले गये थे। जबकि 80 के दशक में द्विपक्षीय परियोजना के अधीन भारत नार्वे सरकार के सहयोग से वाणिज्य ट्राउट परियोजना का शुभारंभ किया गया जिसका मुख्य उद्वेश्य कुल्लू में नवीनतम ट्राउट हैचरी की स्थापना के साथ साथ 10 टन टेबल  साईज ट्राउट का उत्पादन करना, ट्राउट मत्स्य आहार संयंत्र स्थापित कर ट्राउट फीड का निर्माण करने के साथ साथ विभागीय व स्थानीय ट्राउट पालको को प्रशिक्षण देने का ध्येय रखा गया था। जिसे विभाग ने नार्वे के तकनीकी सहयोग से पूर्ण  कर लिया।

You may also likePosts

उन्होनें जानकारी देते हुए बताया कि इस फार्म पर केवल रेनवो ट्राउट का ही उत्पादन किया जा रहा है जबकि विश्व में ट्राउट मात्स्यिकी का तेजी से विकास हो रहा है जिसमें यदि विभाग को प्रतिस्पर्धा करनी हो तो नार्वे के पुनः सहयोग की आवश्यकता रहेगी। निदेशक मत्स्य हिमाचल प्रदेश ने पावर प्वाईंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से नार्वे से आए महामहिम को ट्राउट के क्षेत्र में आर ही कठिनाईयों से अवगत करवाते हुए उनसे अनुरोध किया कि प्रदेश को कम लागत वाली ट्राउट आहार का बनाने में सहयोग किया जाए और आरक्टिकचर तथा लेक ट्राउट के पालन में तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाए।

इसके अतिरिक्त रेनवो ट्राउट प्रजाति की नई विकसित पौध उपलब्ध करवाने के साथ साथ ठण्डे पानी में मत्स्य पालन की नई तकनीक से भी अवगत करवाया जाए और विभाग के कर्मचारियों कौशल विकास के क्षेत्र में नार्वे की मदद से आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का भी अनुरोध किया। महामहिम नार्वे सरकार ने सभी विषयों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया और हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया।    अपने इस एक दिवसीय प्रवास पर आये नार्वे के महामहिम ने फार्म परिसर का दौरा किया और विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों पर संतोष जताते हुए कहा कि जिस उद्वेश्य से इस द्विपक्षीय परियोजना की स्थापना की गई थी उस पर विभाग ने कड़े परिश्रम कर के लक्ष्यों की प्राप्ति की है जिसके लिए विभाग बधाई के पात्र हैं।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!