निजी स्कूलों को फंक्शन करने से पहले शिक्षा निदेशालय से लेनी होगी इज़ाज़त , वितरित की जाने वाली चीजों के रेट होंगे अप्रूव

निदेशक उच्चतर शिक्षा ने छात्र अभिभावक मंच को आश्वासन दिया कि अब निजी स्कूलों के प्रबंधन से बातचीत का समय खत्म हो चुका है। अब एक्शन का समय है। इसलिये 9 अप्रैल से ही अब निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू होगी व स्कूलों की इंस्पेक्शन शुरू होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि इस वर्ष फीसों में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं होगी। जिस भी स्कूल ने ज़्यादा फीसें वसूली हैं उनसे अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस रीइंबर्स करवाई जाएगी। स्कूलों में स्थापित किताबों व कपड़े की दुकानों को सील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब स्कूल फंक्शनों के नाम पर निजी स्कूल प्रबंधनों की मनमर्जी नहीं चलेगी व कोई भी स्कूल एमआरपी से अधिक रेट नहीं वसूल पायेगा। उन्होंने कहा कि अगले पन्द्रह दिन के भीतर हर निजी स्कूल में पीटीए का गठन हर हाल में कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अब स्कूल फंक्शन करने से पहले निजी स्कूलों को शिक्षा निदेशालय से इज़ाज़त लेनी होगी व उसमें वितरित की जाने वाली चीजों के रेट शिक्षा निदेशालय से अप्रूव करवाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों को अपनी बसें चलाने की डेडलाइन जारी की जाएगी। शिक्षा निदेशालय एचआरटीसी को पत्र लिखकर बसों में बस पास की एवज में हर छात्र को सीट सुनिश्चित करने के  लिए दिशानिर्देश देगा व ओवरलोडिंग पर एचआरटीसी बसों पर कार्रवाई की सिफारिश करेगा। जितने दिन छात्र  एचआरटीसी बस करेंगे उनसे पूरे महीने के बजाए उतने ही दिनों के पैसे बसूले जाएंगे।  मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने  प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग को चेताया कि अगर उन्होंने निजी स्कूलों की मनमानी न रोकी व भारी फीसें कम न कीं तो आंदोलन तीसरे चरण में प्रवेश करेगा। उन्होंने ऐलान किया कि मंच निजी स्कूलों की मनमानी,लूट व भारी फीसों के मुद्दे पर आरपार की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेगा।

You may also likePosts

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!