टिकट कटने से नाराज प्रदेश निर्माता के पोते चेतन परमार ने थामा भाजपा का दामन

2017 के विधानसभा चुनाव में कई नाटकीय घटनाक्रम हो रहे हैं। टिकट कटने से रुष्ट प्रदेश निर्माता के पोते चेतन परमार ने वीरवार शाम भाजपा का दामन थाम लिया है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से इसकी चर्चा चल रही थी। यहां तक की एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने सोमवार रात चेतन परमार से सवाल भी पूछा था। लेकिन उस दौरान चेतन सवाल को टाल गए थे। बीजेपी कार्यालय में चेतन परमार को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई गई।

सनद रहे कि 2012 का विधानसभा चुनाव कुश परमार हार गए थे। उस दौरान भाजपा के प्रत्याशी रहे डॉ. राजीव बिंदल ने कुश परमार, स्व. सदानंद चौहान व पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा के कार्टून पोस्टर भी बंटवाए थे। यहां तक की पूर्व विधायक कुश परमार की पत्नी पिछले चार सालों से समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा भी रही। हाल ही में पूर्व विधायक कुश परमार ने अपनी राजनीतिक विरासत बेटे चेतन परमार को सौंप दी थी। खुद टिकट का आवेदन न कर बेटे ने आवेदन किया था।

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भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद चेतन परमार ने कहा कि उनके पिता ने 1982 से 2012 तक 8 चुनाव लड़े, जिसमें से 5 चुनाव जीते। लेकिन वीरभद्र सिंह सरकार ने कभी भी उन्हें मंत्री तो दूर, किसी बोर्ड का चेयरमैन तक नहीं बनाया। चेतन ने कहा कि वह अपने पिता कुश परमार की सहमति से भाजपा में शामिल हुए हैं।

उधर इस मौके पर विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि पार्टी के संगठन से विचार विमर्श करने के बाद ही चेतन को भाजपा में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश निर्माता के पोते को पार्टी में पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा।

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