उपायुक्त बिलासपुर विवेक भाटिया ने समाज़ में बढ़ रही प्लास्टिक की ज्वलंत समस्या से निपटने के लिए एक नई पहल को अमलीजामा पहनाना शुरू किया है जिसके तहत ज़िला बिलासपुर में फैले प्लास्टिक कचरे का सदुपयोग करते हुए एक विशालकाय पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती हुई प्रेरणाप्रद आकृति का निर्माण कार्य आरंभ किया गया है। जिसके लिए उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता व कत्तव्र्यनिष्ठा दर्शाते हुए अपने आस-पास फैले प्लास्टिक बोतल और कैन को इक्टठा करके नगर परिषद कार्यालय तथा कूड़ा उठाने वाले वाहन को दें ताकि उसका सदुपयोग किया जा सके। उन्होंने ज़िला के नागरिकों, होटल, ढ़ाबा मालिकों, शैक्षिणक संस्थानों व स्वय सेवी संस्थाओं से आहवान किया है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए और शहर की सुदंरता को बनाए रखने के लिए इस पुनीत कार्य में अपना बढ़-चढ़ कर सहयोग दे।
उन्होंनंे बताया कि प्लास्टिक का कचरा ज़हर से कम नही है और प्लास्टिक के कचरे की समस्या से आज कोई गांव, शहर अछुते नही है। वर्तमान में जगह-जगह प्लास्टिक की बोतल और कैन बिखरे पड़े रहते है इसलिए आने वाले समय में बढ़ते हुए इस खतरे को किसी भी कीमत पर दर-किनार नही किया जा सकता। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का कचरा इन्सान व जानवर दोनों के लिए गंभीर चुनौती तो है ही परन्तु पर्यावरण के लिए भी किसी अभिशाप से कम नही। इसलिए इसी गंभीर समस्या के निदान के लिए एक भव्य विशालकाय आकृति का निर्माण किया जा रहा है जिसमें प्रदेश के सुविख्यात मूर्तिकार विजय राज की सेवाएं ली जा रही है। इस आकृति के निर्माण के लिए प्राचार्य आईटीआई अजेश शर्मा के मार्ग दर्शन में जिला में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बिलासपुर के प्रशिक्षु भी सहयोग दे रहें है।
उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के कचरे को इधर-उधर फैंकने से बरसात के मौसम में कचरा बहकर गोविन्द सागर झील में जा रहा जिस बजह से झील के पानी में जहर फैल रहा है व पर्यावरण दूषित हो रहा है साथ ही मच्छलियां भी मर रही है। गौरतलब है कि बिलासपुर ज़िला के हज़ारों परिवार मच्छली व्यवस्याएं से जुड़े हुए है जिससे उनके रोज़गार पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।
इसलिए प्रशासन ने निर्णय लिया है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए व शहर का सौंदर्यकरण करने के लिए प्लास्टिक की बोतलों के कचरे का सदुपयोग किया जाए और अधिक-अधिक से लोगों को इस अभियान के तहत जोड़ा जाए।