सुशासन हमेशा से प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में रहा है। हिमाचल प्रदेश सात विषयों, 18 फोक्स विषयों तथा 45 संकेतक आत्म मूल्यांकन तंत्रों के माध्यम से सुशासन को मापने के लिए जिला गुड गवर्नेन्स इंडेक्स को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है।
प्रदेश में प्रमुख सेवाओं को ऑनलाइन प्रदान किया जा रहा है, जिससे लोगों को लम्बी दूरी तय करके जिला मुख्यालयों पर न जाना पड़े। हर प्रकार की आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं ताकि नागरिकों को शीघ्र ही समयबद्ध तरीके से बुनियादी सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सके।
प्रदेश सरकार हि.प्र. लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 को अधिक प्रभावी ढंग से कार्यान्वित कर रही है। इस अधिनियम के तहत सरकार 187 समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जहां एक ओर अधिनियम में निर्धारित समयावधि के भीतर सेवाओं को प्रदान करने का प्रावधान है, वहीं दूसरी ओर यदि अधिकारी सेवा प्रदान करने में विफल रहता है अथवा पर्याप्त और उचित कारण के बिना ऐसी सेवा प्रदान करने में देरी कर रहा है, तो उस अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई करने का प्रावधान भी किया गया है। इससे नागरिकों को विभिन्न अधिकारों के बारे में जागरूक करने में भी मदद मिलेगी।
प्रदेश सरकार 187 समयबद्ध सेवाएं 26 विभागों के माध्यम से उपलब्ध करवा रही है। स्वास्थ्य, वन, पंचायती राज, राजस्व, उद्योग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, कृषि, पशु पालन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा नगर एवं शहरी नियोजन, ऊर्जा, गृह निर्माण, परिवहन और कई अन्य विभाग हैं, जो इस अधिनियम के दायरे में लाए गए हैं। इन सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए 12582 अधिकारियों को नामित किया गया है, जिसकी निगरानी जिला एवं प्रदेश स्तर पर 56 नोडल अधिकारियों के माध्यम से की जा रही है। इस कानून के माध्यम से विभिन्न सेवाएं तय समय सीमा में प्रदान की जाती है।
इस अधिनियम के अन्तर्गत पांच हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान उन अधिकारियों के लिए किया गया है, जो बिना किसी ठोस कारण के सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ रहते हैं। इससे सुशासन के मानकों में सुधार आएगा तथा सुशासन को एक मजबूत आधार मिलेगा।
अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार चरागाहों को आज्ञा अथवा स्वीकृति 24 घंटों में प्रदान करना, जन्म-मृत्यु तथा विवाह पंजीकरण की सुविधा दो दिनों के भीतर, बीपीएल प्रमाणपत्र 24 घण्टे के अन्दर, वरिष्ठ नागरिक को पहचान पत्र तीन दिनों में, जल कॅनेक्शन (घरेलू व व्यवसायिक) 30 दिनों में, मिट्टी परीक्षण 60 दिनों में,े दिव्यांगों को पहचानपत्र तीन दिनों के अन्दर इत्यादि कुछ ऐसी सुविधाएं हैं, जो नागरिकों को प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने ई-पंजीकरण पोर्टल शुरू किया है, जिससे लोगों को कष्टप्रद प्रक्रिया, पंक्तियों में खडे़ होने तथा पेपर प्रपत्र आदि भरने से भी निजात मिलेगी। इस विषय में अधिक जानकारी प्रशासनिक सुधार आयोग की वैबसाईट पर उपलब्ध है।
सुशासन के लक्ष्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने सीएम डैशबोर्ड लॉंच किया है। इसके माध्यम से विभिन्न योजनाओं की प्रगति को मुख्यमंत्री द्वारा एक नजर में सीधे तौर पर निगरानी की जा सकेगी। विभागों के विभिन्न आंकड़ों की जानकारी इस डैशबोर्ड पर उपलब्ध होगी, जिससे 24/7 विभागीय गतिविधियों की जानकारी मिलेगी।
लोक कल्याण हमेशा से सरकार का प्राथमिक उद्देश्य रहा है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए 187 समयबद्ध सेवाएं प्रदान करना, निःसंदेह पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन प्रदान करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह अधिनियम प्रदेश सरकार के विकास की रफ्तार बढ़ाने तथा लोगों को तय समय सीमा के भीतर जरूरी सेवाएं प्रदान करने में और विकास की गति में तेजी लाने के प्रयासों को और भी मजबूत करेगा।