( धनेश गौतम) देव श्रीबड़ा छमाहूं के प्रमुख पुजारी व देव हंसकुण्ड महाराज के प्रमुख तिर्थी एवं क्षेत्र के आदरणीय एवं पूजनीय प्रमुख वुजूर्ग किशन चंद शर्मा का आकस्मिक निधन हो गया है।उनका निधन छमाहूं की धरती एवं निवास स्थान दलयाड़ा में शुक्रवार रात्रि को एकादशी के दिन हुआ। खास बात यह है कि हंसकुण्ड महाराज इससे एक दिन पहले ही दलयाड़ा मंदिर पहुंचे थे और उन्होंने देव श्री का भव्य स्वागत किया और दिन को ब्रह्मभोज का भी आयोजन किया। देव श्रीबड़ा छमाहूं पिछले 15 दिन से दलयाड़ा में ही विराजमान थे और हंसकुण्ड महाराज के स्वागत का इंतजार कर रहे थे।
सभी देव कार्य समाप्त होने के बाद रात्रि के समय देव रथ उनके घर में ही विराजमान थे और उनकी अचानक तबियत बिगड़ गई। जिस कारण उन्हें उपचार के लिए कुल्लू को ले जाया जा रहा था लेकिन उन्होंने रास्ते में ही प्राण त्याग दिए। इस घटना से पूरे रूपी-सराज क्षेत्र शोक की लहर दौड़ पड़ी है। गौर रहे कि हंसकुण्ड जी महाराज के तिर्थी बहुत ही पवित्र आत्मा होती है। जो भी महाराज के तिर्थी बनते हैं वे स्वयं पाकी होते हैं और उम्रभर अपने हाथ से ही भोजन बनाकर और धोती लगाकर ग्रहण करना पड़ता है। इस तरह के देव प्रतिनिधि को कठोर तपस्वी जैसा जीवन जीना पड़ता है और देव नियमों में ही जीवन व्यतीत करना पड़ता है। इनके निधन से जहां क्षेत्र में शोक की लहर है वहीं क्षेत्र को बहुत बड़ी हानि भी हुई है जिसकी पूर्ति करना संभव नहीं है। क्षेत्र के लोगों ने भगवान से उनकी आत्मा को शांति प्रदान और दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान देने की कामना की है।