( जसवीर सिंह हंस ) राज्य सरकार ने प्रदेश में विशेषकर ग्रामीण तथा दूरदराज क्षेत्रों के स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से 200 चिकित्सकों के पद तथा वॉक-इन-इन्टरव्यू के माध्यम से 262 एमबीबीएस चिकित्सकों के पद भरे हैं। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां आईजीएमसी शिमला के रेडियो-डायग्नोसिस विभाग द्वारा आयोजित ‘इन्टरवैनशनल रेडियोलॉजी आऊटरीच’ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सकों तथा पैरा-मेडिकल स्टॉफ के सभी पदों को भरने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि प्रदेश के लोग स्वास्थ्य संस्थानों में स्टॉफ की कमी के चलते परेशान न हो।
ठाकुर ने कहा कि आईजीएमसी प्रदेश का प्रमुख चिकित्सा संस्थान है तथा राज्य सरकार इसे आधुनिक सुविधाओं एवं अत्याधुनिक उपकरण प्रदान कर और सुदृढ़ करेगी। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में 9 करोड़ रुपये की लागत की डिजिटल सबट्रैक्शन एन्जियोग्राफी मशीन स्थापित की जा रही है, जिसके लिए शेष 1.50 करोड़ रुपये की राशि सरकार प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि रोगियों को सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से विभाग में शीघ्र ही ‘सी-आर्म’ भी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टांडा मेडिकल कालेज में स्टाफ की कमी के चलते अनुपयोगी पड़ी 23 करोड़ रुपये की लिनियर एक्यूलेटर को क्रियाशील बनाने के लिए तुरन्त आवश्यक स्टाफ की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में भी नए भवन की उपलब्धता होने पर ऐसी मशीन स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार नए स्वास्थ्य संस्थान खोलने के स्थान पर मौजूदा संस्थानों को और सुदृढ़ करने पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान प्रदेश के लोगों को किफायती तथा गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने पर है। उन्होंने लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए चिकित्सकों से मिशन की भावना तथा संवेदनशीलता से कार्य करने का आग्रह किया।श्री ठाकुर ने चिकित्सकों को सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई देते हुए आशा जताई कि इस आयोजन से लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायता मिलेगी।
इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री ने 56.20 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो किए जाने वाले नए ओपीडी भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को तय समय सीमा में इस कार्य को पूर्ण करने के आदेश दिए ताकि प्रदेश के लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि परिसर में पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान विकसित किया जाएगा तथा शिमला के समीप चमियाणा में आईजीएमसी का नया सुपरस्पेशियलिटी परिसर का निर्माण किया जा रहा है।शिक्षा मंत्री श्री सुरेश भारद्धाज ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आईजीएमसी के पूर्व छात्रों ने प्रदेश का नाम रोशन किया है तथा देश व विदेशों के नामी स्वास्थ्य संस्थानों में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य के स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक संस्थानों में पर्याप्त अधोसंरचना तथा स्टाफ प्रदान कर इनके सुदृढ़ीकरण पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में निर्मित हो रहे एम्स अस्पताल के लिए 1351 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।आईजीएमसी के प्राचार्य डा. रवि शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा संस्थान की मांगों से उन्हें अवगत करवाया।आईजीएमसी के रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डा. संजीव शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने दो दिवसीय सम्मेलन में आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
पीजीआई चण्डीगढ के रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डा. एन. खंडेलवाल ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रबोध सक्सेना, नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट, डेंटल कालेज के प्राचार्य डा. आर.पी. लुथरा, सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कालेज शिमला की प्राचार्य श्रीमती ऊषा मेहता, हिमाचल प्रदेश राज्य नर्सिंग कालेज शिक्षक संघ की अध्यक्षा श्रीमती सन्तोष मान्टा, आईजीएमसी के विभिन्न विभागों के प्रमुख तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।