पांवटा साहिब के भाजपा के नेता व बद्रीपुर से जिला परिषद सदस्य राम प्रसाद का निलंबन हो सकता है। हैरानी इस बात पर है कि पुलिस ने करीब सवा महीना बीत जाने के बावजूद जिला परिषद सदस्य की गिरफ्तारी की सूचना जिला पंचायत अधिकारी कार्यालय को नहीं दी है। पुलिस रिमांड के बाद करीब एक महीने से जिला परिषद सदस्य न्यायिक हिरासत में हैं।
मूलत: बायेकुआ के रहने वाले जिला परिषद सदस्य पर 11वीं कक्षा की छात्रा की मौत के मामले में सबूत मिटाने व गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ था। सनद रहे कि इस मामले में जिला परिषद सदस्य का भाई भी न्यायिक हिरासत पर चल रहा है। दरअसल 24-25 अगस्त को बायेकुआ इलाके में यह बात आग की तरह फैली कि कुछ दिनों से लापता स्कूली छात्रा के शव का आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। जांच करने पर यह बात पुख्ता हो गई कि अंतिम संस्कार हुआ है, लेकिन शव का कुछ हिस्सा ही बरामद हुआ था।
कई दिन तक एसपी रोहित मालपानी समेत पुलिस ने नदी किनारे खाक छानी थी। पुलिस की थ्यौरी के मुताबिक स्कूली छात्रा की खेत में करंट लगने से मौत हुई। करंट की तारों को जिला परिषद सदस्य ने अपने खेत में बिछा रखा था। बहरहाल अगर करंट लगने से मौत को न छिपाया जाता तो जिला परिषद सदस्य को जमानत आसानी से मिल सकती थी, लेकिन अब साक्ष्य मिटाने का आरोप संगीन है।
उधर पांवटा साहिब के डीएसपी प्रमोद चौहान ने पूछे जाने पर कहा कि यह बात उनके संज्ञान में नहीं है कि सूचना भेजी गई है या नहीं। चौहान ने कहा कि अगर सूचना नहीं भेजी गई है तो तत्काल प्रभाव से जिला पंचायत अधिकारी को समूचे मामले से अवगत करवा दिया जाएगा।