प्रदेश की राजनीति में हरे व लाल रंग की हिमाचली टोपी अहम स्थान रखती है। अगर ऐसा कहा जाए कि यह टोपियां दोनों राजनीति दलों कांग्रेस व बीजेपी की पहचान हैं तो यह गलत नहीं होगा। अधिकतर देखने में आया है कि कांग्रेसी नेता हरे रंग की टोपी पहनते हैं व बीजेपी के नेता लाल रंग की टोपी। कांग्रेस व बीजेपी के ज्यादातर नेता अपने-अपने रंग की टोपियां ही पहनना पसंद करते हैं। ऐसा ही एक वाक्या बाज स्वास्थ्य संस्थानों के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला।
सीएम पहनते हैं हरे रंग की ही टोपी
यहां पर सीएम वीरभद्र सिंह ने लाल टोपी पहनने से मना कर दिया और टोपी को फैंक दिया। हुआ यूं कि जब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ठाकुर सीएम को सम्मानित करने को लाल रंग की टोपी पहनाने लगे थे, तो सीएम ने उसे नहीं पहना। सीएम ने बाद में लाल रंग की टोपी को साइड पर रख दिया और अपनी हरे रंग की टोपी पहने रखी। हां, उन्होंने शाल जरूर ग्रहण की। सीएम हमेशा हरे रंग की ही टोपी पहनते हैं और उनके देखा देखी कांग्रेस का हर कार्यकर्ता हरे रंग की टोपी पहनता है और उधर बीजेपी लाल रंग की टोपी पहनते हैं और आज के इस घटनाक्रम से फिर टोपियों पर राजनीति गरमा सकती है।