( धनेश गौतम ) बंजार विधानसभा क्षेत्र कुल्लू जिला की हॉट सीट बनती जा रही है। पूर्व मंत्री खिमीराम शर्मा की अनदेखी से चुनावी परिणाम पर नजर टिक गई है। लिहाजा बंजार में मुकाबला रोचक होने जा रहा है। यहां पर कांग्रेस ने जहां पूर्व मंत्री कर्ण सिंह के पुत्र आदित्य विक्रम सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है वहीं, भाजपा ने पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा को साईड लाईन करके उनके प्रतिद्वंदी सुरेंद्र शौरी को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है।
अब बंजार भाजपा में विद्रोह का बिगुल बजता नजर आ रहा है। हालांकि खीमी राम शर्मा के घर समर्थकों का तांता लगा हुआ है और चुनाव लडऩे की रणनीति भी तय होती रही लेकिन अंत में शायद यही निर्णय लिया गया है कि आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩा शायद इस सयम ठीक नहीं होगा लेकिन खीमी राम के समर्थकों में नराजगी बरकरार चली हुई है। बंजार मंडल भाजपा हमेशा खीमी राम के साथ ही चलती रही है और सुरेंद्र शौरी के साथ खीमी राम शर्मा व उनके समर्थकों के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है।
यही नहीं भाजपा की रथ यात्रा के दौरान तो दोनों गुटों में गुथमगुथा हुई है। अब सुरेंद्र शौरी को टिकट मिलने के बाद खीमी राम समर्थक फिलहाल खामोश हो गए हैं जो भाजपा के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। यही नहीं उधर, जिला परिषद अध्यक्ष रोहिणी चौधरी से भी सुरेंद्र शौरी का छत्तीस का आंकड़ा रहा है और रोहिणी चौधरी भी सुरेंद्र शौरी को टिकट मिलने का विरोध कर चुकी है।
ऐसे में भाजपा ने यदि बंजार में रूठों को नहीं मनाया तो बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। अभी तक यही क्यास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा रूठों को मनाने में कामयाव रहेगी लेकिन विश£ेषकों का यह भी मानना है कि खीमी राम शर्मा को बाहर करने का षडय़ंत्र जेपी नड्डा गुट ने रचा है और ऐसे में समझौता होना फिलहाल डेढी खीर लग रही है। यदि समझौता हुआ भी तो फिर भी कुछ हद तक भाजपा को ही नुकसान झेलना पड़ेगा।
खीमी राम शर्मा को प्रेम कुमार धूमल का कटर समर्थक माना जाता है ऐसे में टिकट कटने का यही कारण माना जा रहा है। उधर, सुरेंद्र शौरी को स्थानीय होने का लाभ मिलने की उम्मीद है लेकिन नीचले क्षेत्र के लोगों ने ऊपरी क्षेत्र के क्षेत्रवाद को नकार दिया तो फिर भी नुकसान झेलना पड़ सकता है। खास बात यह है कि खीमी राम शर्मा का टिकट कटने का लाभ कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य विक्रम सिंह को बखूबी मिल सकता है।
खीमी राम शर्मा के चुनावी मैदान में न होने से कांग्रेस से खीमी राम शर्मा को डायवर्ट हुआ ब्राह्मण वोट कांग्रेस को वापस चला गया है यह माना जा रहा है क्योंकि बंजार विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण वोट बैंक भी कम नहीं हैं और बंजार का अधिकतर ब्राह्मण वोट कांग्रेस का पक्का वोट रहा है लेकिन खीमी राम शर्मा जब-जब चुनावी मैदान में रहे तब-तब कांग्रेस का यह वोट बैंक खीमी राम शर्मा को जाता रहा है। अब जब खीमी राम शर्मा ही चुनावी मैदान में नहीं है तो काफी सारा ब्राह्मण वोट कांग्रेस में वापस जा सकता है। उधर कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य विक्रम सिंह को अपनों से नराज हुए लोगों को मनाना होगा क्योंकि कर्ण सिंह यहां से सीटिंग एमएलए रहे हंै और सत्ता में रहते हुए कर्ण सिंह ने बंजार क्षेत्र के लिए काम तो बहुत किए लेकिन सत्ता में रहते हुए सभी को खुश भी नहीं किया जा सकता है।
इसलिए सत्ता के दौरान कुछ लोग नराज भी चलते हैं और बहुत सारे लोगों के व्यक्तिगत काम भी नहीं हुए होते हं। ऐसे में आदित्य को उन लोगों से नुकसान हो सकता है जो वर्तमान में नराज चले हुए हैं। बहरहाल अब देखना यह है कि बंजार विस क्षेत्र में सत्ता की बाजी कौन मारता है।