निर्धन ग्रामीण युवाओं के लिए किसी वरदान से कम नही है दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना यह उद्गार प्रकट करते हुए उपायुक्त बिलासपुर विवेक भाटिया बताया कि ग्रामीण भारत में चुनौतियोें की लम्बी फेहरिस्त है। इन कठिनाईयों के प्रभावी समाधान के लिए ग्राम्य विकास मंत्रालय भारत सरकार ग्रामीण युवाओं को उनके परिदृश्य में व उनके संदर्भ में हुनर को तराशने की अनूठी पहल का प्रतिफल यह है कि अभाव ग्रस्त ग्रामीण युवा न केवल इस योजना के माध्यम से हुनर प्राप्त करके आत्म निर्भर ही हो रहे है अपितु अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा रहे है।
उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला बिलासपुर में ग्राम्य विकास मंत्रालय एवं हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन द्वारा प्रायोजित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत मानव विकास एवं सेवा संस्थान द्वारा जिला के 60 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जबकि 60 अन्य बेरोजगार युवाओं को रिटेल सेल्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
विवेक भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के अंतर्गत 265 से भी अधिक व्यवसायों के अल्पावधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके ग्रामीण युवाओं के लिए ग्रामीण कौशल को तराशने, आजीविका के अवसर बढ़ने, रोजगार स्थाई बनाने, आजीविका कमाने के साधनों व माध्यमों को बढावा देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल का मुख्य उद्ेश्य है कि ग्रामीण परिवेश का गरीब युवा जो शहर अथवा महानगरों में प्रशिक्षण या रोज़गार पाने में अपनी परिवारिक परिस्थितियों के कारण असमर्थ है उसके हुनर को तराशने के लिए हर संभव सुविधाएं जुटाकर उसे रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाएं जाएं ताकि ग्रामीण भारत के परिदृश्य में बदलाव के चिन्ह् अंकित हो सके।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 18 से 35 वर्ष की आयु के गरीबी रेखा से नीचे के ग्रामीण युवाओं को इस योजना के अंतर्गत निशुल्क प्रशिक्षण देने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण अवधि के दौरान युवाओं को निशुल्क भोजन व आवसीय सुविधा उपलब्ध करवाने के अतिरिक्त किताबें व अन्य पठन पाठन सामग्री व युनिफार्म (वर्दी) भी उपलब्ध करवाई जाती है तथा प्रशिक्षण उपरान्त निशुल्क आजीविका प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिया जाता है।
उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के अंतर्गत पशिक्षण के लिए 33 प्रतिशत स्थान महिला आवेदकों के लिए आरक्षित है। जबकि 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति व 6 प्रतिशत स्थान जनजाति के युवाओं के लिए है। उन्होंने बताया कि गरीब रेखा कार्ड, मनरेगा, स्वंय सहायता समूह इत्यादि की दस्तावेज़ी प्रक्रियों के उपरान्त ग्रामीण बेरोज़गार युवा इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अतंर्गत प्रशिक्षण प्राप्त ग्रामीण युवाओं को न्यूनतम रुपये 6,000 प्रति मास का रोज़गार राज्य व राज्य के बाहर गारंटी के से उपलब्ध करवाया जाता है तथा युवाओं द्वारा रोजगार स्वीकार करने की दशा में, एक हज़ार रुपये नियमानुसार सहायता के रूप में प्रति माह देना का प्रावधान है। जिला बिलासपुर में 2 जनवरी, 2018 से 14 अप्रैल, 2018 तक आयोजित किए गए प्रशिक्षिण कार्यक्रम में 60 प्रशिक्षिणार्थिओं के दो बैचज़ में से 47 युवाओं को रोज़गार उपलब्ध करवा दिया गया है।
वर्तमान में 60 ग्रामीण युवाओं के कौशल को तराशने के लिए रिटेल सेल्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है इसमें युवाओं को बहुप्रतिष्ठित कम्पनियों के बिक्री प्रभाग में कार्य हेतु दक्ष करने के उद्ेश्य से कंम्प्यूटर, साॅॅफ्ट स्किल व अंग्रेज़ी विषय का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मनू लेखी ने जानकारी देते हुए बताया कि युवाओं की प्रशिक्षण अवधि के दौरान एक वर्ष के लिए योजना के अंतर्गत पांच लाख रुपये का ज़ीवन बीमा भी किया जाता है।