( जसवीर सिंह हंस ) ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री विरेन्द्र कंवर ने कहा कि हम प्रदेश के ग्रामीण विकास के लिए आपसी समन्वय से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने ग्राम पंचातय के उप-प्रधान पद से अपना कार्य आरम्भ किया था और उस समय से मेरे दिमाग में समाज के जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए अनेक सुझाव है। ग्रामीण क्षेत्रों के बेहतरी के लिए सभी लोगों के कुछ सपने होते हैं। महात्मा गांधी की शिक्षाओं के अनुरूप जमीनी स्तर पर कार्य कर इन सभी सपनों को पूरा करने का यह उपयुक्त समय है।
श्री विरेन्द्र कंवर आज हिपा में ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक व कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास में विकास खण्ड अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को कार्यक्रमों तथा योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्राप्त धनराशि को समय पर उपयोग करना चाहिए ताकि केन्द्र सरकार से धनराशि की अगली किश्त समय पर प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा राज्य के लिए 407 करोड़ रुपये जारी किए जाने की सम्भावना है। उन्होंने अधिकारियों से कलस्टर स्तर पर योजना तैयार करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्तर पर 100 दिनों की योजना की प्रगति की अनुश्रवण के लिए पर्यवेक्षक अधिकृत किए जाने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों के प्रशिक्षण पर भी बल दिया ताकि उनके कौशल व ज्ञान में वृद्धि हो सके।
उन्होंने कहा कि जलागम सरंक्षण प्रबन्धन, आजीविका मिशन पर बल दिया जाएगा ताकि ग्रामीण लोगों को सुविधा प्रदान की जा सके। कर्मचारी व कामगारों को श्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। प्रदेश के अन्तिम छोर पर गरीब से गरीब व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं के लाभ पहुंचाने की भी आवश्यकता है। इस तरह की बैठक विकास में तेजी लाने के लिए साल में दो बार आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित बजट में ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी हितधारक द्वारा विभाग के कार्य में तेजी लाने के लिए दिए गए सुझावों व विचारों का स्वागत किया जाएगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिव डॉ. आर.एन. बत्ता ने कहा कि विभाग के इंजीनियर कैडर का शीघ्र सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। मनरेगा के अन्तर्गत किए गए कार्यों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। फसल कटाई के उपरान्त की सुविधाएं, आपदा प्रबन्धन, वर्षा-शालिका, ग्रामीण हाट और खाद्य पदार्थों व अन्य भण्डारण के लिए विस्तृत योजना तैयार की जाएगी।ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के निदेशक श्री राकेश कंवर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने इस अवसर पर विभाग की विभिन्न गतिविधियों बारे पॉवर पवांट प्रस्तुति भी दी।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि वे गरीबी रेखा से नीचे नहीं हैं, तो उन्हें स्वेच्छा से अपना नाम बीपीएल सूची से हटाना चाहिए ताकि केवल पात्र लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों से लाभान्वित हो सके। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक है तो ग्रामीण चुनौतियों की सही तरह से समझने के लिए जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग प्रत्येक स्तर पर बेहतर कार्य कर रहा है, परन्तु इन कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने की आवश्यकता है। कई राज्यों ने हिमाचल की तुलना में केवल कुछ कार्य कर बड़े पुरस्कार प्राप्त किए है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी सफलता की कहानियां उजागर होनी चाहिए ताकि लोग बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित हो सके। युवाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए मुख्य मंत्री युवा आजीविका योजना को शीघ्र कार्यान्वित किया जाएगा। विभाग ने प्रिया सॉफटवेयर व ई-परिवार को आरम्भ कर ई-पंचायत की अवधारणा की भी शुरूआत की है। पशुपालन विभाग के निदेशक श्री एस.के. चौधरी, कृषि निदेशक डॉ. देस राज, लोक निर्माण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज तथा पशु पालन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।