( जसवीर सिंह हंस ) चूड़ेश्वर कला मंच जालग राजगढ़ के कलाकारों द्वारा सातवीं बार जिला स्तरीय लोक नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने का गौरव हासिल किया है । भाषा एवं संस्कृति विभाग सिरमौर के सौजन्य से गत दिवस यहां जिला परिषद के सभागार में जिला स्तरीय लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें जिला के सात दलों ने भाग लिया । प्रतियोगिता में साधना कला मंच कोट ढांगर राजगढ़ ने द्वितीय और प्राथमिक पाठशाला भराड़ी के बच्चों ने तीसरा स्थान हासिल किया ।
समापन समारोह के उपलक्ष्य पर उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन ने बतौर मुख्य अतिथि शिकरत की और विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए । इस अवसर पर संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी समृ़द्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है जिसे देखने के लिए पर्यटक देश विदेश से यहां आते है । उन्होने कहा कि पारंपरिक गीतों में प्रदेश की संस्कृति एवं सभ्यता के साक्षात दर्शन होते है ।
उपायुक्त ने कहा कि लोक नृत्य एक ऐसी अनूठी विधा है जिससे जहां मनुष्य को आन्नद की अनूभूति होती है वहीं पर संगीत मनुष्य को तनाव रहित बनाने में काफी सहायक होते है । उन्होने कलाकारों का आहवान किया कि प्राचीन एवं पांरपरिक गीतों की मौलिकता को बनाए रखा जाना चाहिए उसके साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए । संस्कृति के सरंक्षण एवं संवर्धन वर विशेष बल देते हुए उन्होने कहा कि जिस समाज की संस्कृृति लुप्त होने लगती है वह समाज ज्यादा समय तक अस्तित्व में नहीं रह सकता है ।
इससे पहले जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और जिला स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन बारे विस्तार से जानकारी दी ।इस प्रतियोगिता में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित विद्यानंद सरैक, संगीत अध्यापक डीडी सहगल और सेवानिवृत प्रधानाचार्य केएस राणा ने निर्णायक की भूमिका बखूबी निभाई ।