हिमाचल में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश में व्यावसायिक स्नातक शिक्षा के हाॅस्पिटेलिटी विषय के छात्रों को साहसिक पर्यटन से जोड़ने के प्रयास किये जाएं, ताकि इस क्षेत्र में छात्रों को रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त हों।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री केपी कृष्णन ने आज उत्कृष्ठ राजकीय महाविद्यालय संजौली में बीवाॅक विषयों के तहत संचालित गतिविधियों की जानकारी लेने के उपरांत यह विचार व्यक्त किये। उन्होंने इन विषयों के प्रति छात्रों मंे अधिक रूचि पैदा करने के लिए दाखिला पूर्व परामर्श पद्धति अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस संबंध में और अधिक विस्तार के लिए देश के संबद्ध संस्थानों से विशेषज्ञों को यहां आमंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यावसायिक स्नातक विषयों में हाॅस्पिटिलिटी और रिटेल मैनेजर दो विषयों को शामिल किया गया है। उन्होंने संजौली काॅलेज में चल रहे इन विषयों के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा संतोष व्यक्त किया। उन्होंने संस्थान के शिक्षकों व अन्य अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए, ताकि इसे और बेहतर रूप से क्रियान्वित किया जा सके। उन्होंने बीवोक के छात्रों के साथ चर्चा भी की।
बैठक में चीफ अंगेजमेंट आॅफिसर, राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद नई दिल्ली श्री जयंत कुमार, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री रोहन चंद ठाकुर, जनरल मैनेजर सुश्री अनुरीता सक्सेना, संयुक्त निदेशक काॅलेज डाॅ. अमरजीत, राजकीय महाविद्यालय संजौली की प्रधानाचार्य श्रीमती दीक्षा मल्होत्रा, नोडल अधिकारी श्रीमती रूचि रमेश एवं रूचि सागर, राज्य परियोजना अधिकारी श्री शक्ति सूद व जिला समन्वयक हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम श्री अजय शर्मा भी उपस्थित थे।