आज कल हिमाचल में किसी भी आदमी को दबाने के लिए धर्म और राजनीती का प्रयोग आम हो गया है. हिमाचल जिसको देवभूमि कहा जाता है जहाँ लोग भाईचारे से रहते थे. लेकिन आज कुछ असामाजिक तत्व पैदा हो गए है जो धर्म और जाति के आधार पर आम आदमी को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.
पिछले दिनों राईट फाउंडेशन अध्यक्ष सुरेश कुमार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर एक मुहीम शुरू हो चुकी है. जिसमें सोलन से एक आदमी रुमित सिंह ने सुरेश कुमार के खिलाफ पांच लाइव विडियो बना कर बदनाम किया. रुमित सिंह ने बिना किसी सबूत और आधार पर सुरेश कुमार को धर्म परिवर्तित बताया और लोगों का धर्म परिवर्तन करवाने वाला कहा. इतना ही नहीं रुमित सिंह ने सुरेश कुमार को एससी एसटी एक्ट में मामले दर्ज करवा कर लोगों से पैसा एंठने वाला भी बताया. इस मामले रुमित सिंह के कुछ साथियों ने भी सोशल मीडिया पर सुरेश कुमार को हथियारों के साथ फोटो अपलोड करके जान से मारने की धमकियाँ दी है. जिसके चलते सुरेश कुमार ने 13 जुलाई को पुलिस स्टेशन में एफआईआर 72 दर्ज करवाई जिसमें मंडी पुलिस छानबीन कर रही है.
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब 1 अगस्त 2019 को रात को कुछ स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुए. जिसमें सुरेश कुमार को हिन्दू धर्म और औरतों को गाली देने वाला बताया गया है. लेकिन गौर करने वाली बात है कि सुरेश कुमार ने अपना फेसबुक एकाउंट 2 महीने पहले डिलीट कर दिया था. जबकि स्क्रीन शॉट्स में कमेंट्स 50 मिनट, 25 मिनट, 1 मिनट आदि के पहले के दिख रहे है. जानकारी के मुताबिक यह स्क्रीन शॉट्स रुमित सिंह और जितेन्द्र राजपूत नाम के फेसबुक एकाउंट से अपलोड हुए थे. इस मामले के चलते सुरेश कुमार ने एक बार फिर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है और मांग की है कि ऐसे झूठे स्क्रीन शॉट्स बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए.
इस मामले में जब सुरेश कुमार से बात हुई तो उनका कहना है कि मेरा फेसबुक एकाउंट नहीं है और मेरे खिलाफ यह लोग बदनाम करने और जान से मारने का षडयंत्र रचने की साजिश हो रही है. जबकि यही लोग खुले आम फेसबुक पर लाइव विडियो द्वारा सरकार, पुलिस और प्रशासन को शस्त्र आन्दोलन और दंगों की धमकियाँ दे रहे है. तो सरकार इन लोगों के खिलाफ मुझे जनता की नजर में बदनाम करने, सरकार और पुलिस धमकियाँ देने के अपराध में कड़ी कानूनी कार्यवाही अमल में लाए.