सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से आज मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने दिल्ली से वीडियो कान्फ्रेंस से, प्रदेश में जलापूर्ति की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रति गम्भीर है, जिसके लिए वह स्वयं पिछले 15 दिनों से प्रदेश और विशेषकर शिमला में पेयजल की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिमला में 28.47 एम.एल.डी. पानी का भण्डार हुआ है और इसके लगातार बढ़ने की सम्भावना है। इससे आने वाले कुछ दिनों में पानी की आपूर्ति सामान्य हो जाएगी।मुख्यमंत्री न कहा कि पानी को पर्यावरण और मानवीय दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। उन्होंने राजनीतिक दलों से कहा कि पानी को राजनीतिक चश्में से न देखें। उन्होंने कहा कि शिमला मं पानी की वर्तमान स्थिति के लिए पूर्व सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है, जिन्होंने हवाई किले बनाए बनाए और ज़मीन पर केवल राजनीति ही की।
उन्होंने कहा कि शिमला के लोग यह जानने के उत्सुक है कि शिमला नगर निगम पर काबिज पूर्व नेताओं ने तथा प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने शिमला की पेयजल व्यवस्था के लिए क्या दीर्घकालीन योजनाएं बनाई और क्या प्रयास किए?
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार शिमला में टयूबवैल से लेकर वर्षा जल एकत्रण के साथ-साथ दूसरे स्त्रोतों से आपूर्ति योजनाओं को अमलीजामा पहनाएगी। यह योजनाएं दीर्घकालिन होगी और लम्बे अर्से तक शिमला की जलापूर्ति को सुचारू रखेंगी।
इस अवसर पर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने प्रदेश में जलापूर्ति योजनाओं की स्थिति के बारे में जानकारी दी।बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, सचिव आईपीएच देवेश कुमार, शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप, नगर निगम शिमला के आयुक्त रोहित जम्वाल, मुख्यमंत्री के ओएसडी सर्वश्री महेन्द्र धर्माणी, शिशु धर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रोहित सावल सहित सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियर इन चीफ विक्रान्त सुमन तथा लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ भी उपस्थित थे।
मंत्री ने लापरवाही बरतने पर एसडीओ के निलम्बन के दिए निर्देश – इससे पूर्व सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने उच्च स्तरीय कमेटी के सदस्यों से शिमला शहर में पानी की आपूर्ति व वितरण की समीक्षा की। उन्होंने जल वितरण कार्य में लापरवाही बरतने के चलते नगर निगम के एसडीओ को निलम्बित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय सारणी का कड़ाई से पालन सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकरियों व कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।