मुख्यमंत्री ने की 12वें नागरिक सेवाएं दिवस पर नई पहलों की शुरूआत

लोकतांत्रिक व्यवस्था में शासन व प्रशासन के प्रभावी व बेहतर संचालन में नागरिक सेवाओं की  अहम् भूमिका है। यह बात मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज यहां 12वें नागरिक सेवाएं दिवस के अवसर पर नई पहलों का शुभारम्भ करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आठ विभिन्न पहलों का शुभारंभ किया। उन्होंने हिपा के लिए ऑनलाईन पंजीकरण पोर्टल का भी शुभारम्भ किया। इस पोर्टल से प्रशिक्षुओं के पंजीकरण एवं नामांकन की प्रक्रिया सरल बनेगी। प्रशिक्षण विभाग ने हिपा के माध्यम से एनआईसी तकनीकी एजेंसी के साथ मिलकर इस ऑनलाईन पोर्टल को प्रशिक्षुओं को सुविधा प्रदान करने के लिए विकसित किया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘फेयरलॉन अपडेट’ नामक ई-न्यूज पत्रिका तथा हिपा की पत्रिका के नए अंक का अनावरण भी किया। उन्होंने आरटीआई अधिनियम-2005 के सार संग्रह तथा प्रशासनिक सुधार विभाग की पहल हिमाचल प्रदेश सेवाएं गारन्टी अधिनियम का भी अनावरण किया। हिपा ने एक ऑनलाईन पंजीकरण प्लेटफार्म विकसित किया है, जिसके माध्यम से प्रशिक्षुओं को प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा अधिसूचित की गई ऑनलाईन सेवाएं प्रदान करने वाले अधिकारियों की डिजिटल साक्षरता के बारे में जान सकेंगे।

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श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि डिजिटल सेवाएं विभाग में आने वाले लोगों की भारी भीड़ को कम करने तथा पारदर्शिता के साथ बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध हांगी। उन्होंने अधिकारियों से समर्पण तथा मिशन की भावना के साथ कार्य करने तथा आज का कार्य केवल आज ही निपटाने का आग्रह किया ताकि आम जनमानस को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने हिप्पा द्वारा आरम्भ की गई नई पहलों की सराहना करते हुए कहा कि इससे विभिन्न क्षेत्रों के अन्वेषकों को पहचान दिलाई जाएगी, जिन्होंने लोगों तथा समाज के विकास में योगदान दिया है तथा समय-समय पर अपने विचार एवं अपने असाधारण नवोन्मेष का अनुभव सांझा करने के लिए सरकार द्वारा नामित या पुरस्कृत हुए हैं। इस पहल से उद्धवन केन्द्र (इंक्यूवेशन सेंटर) का मार्ग प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हि.प्र. प्रशासनिक सुधार विभाग तथा जिला शासन सूचकांक की रिपोर्ट भी जारी की। प्रशासनिक सुधार विभाग की सचिव डा. पूर्णिमा चौहान ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश जिला शासन सूचकांक-2017की रिपोर्ट में शासन के दस वृहद विषयों, 26 फोकस विषयों तथा 82 विशेष वेरिएबलज़ की जांच-पड़ताल की गई है। उन्होंने कहा कि इस कार्य प्रणाली से शासन के लगभग 50 पहलुओं में उपलब्ध डाटा की जांच कर जिलों में शासन की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने में सहायता मिलेगी तथा इसका संग्रहण सिंगल स्कोरिंग एवं रैंकिंग इन्स्टूमेंट में करेगी।

मुख्य सचिव श्री विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, श्रीमती मनीषा नन्दा तथा श्री अनिल खाची, मुख्यमंत्री के परियोजना निगरानी सचिव डा. आर.एन. बत्ता, हिपा के निदेशक श्री सी.पी. वर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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