राज्य इलैक्ट्रॉनिक्स विकास निगम ने शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग को लैपटॉप की आपूर्ति के बारें में कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों का खण्डन करते हुए इन्हें तथ्यहीन करार दिया है।
निगम के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश राज्य इलैक्ट्रॉनिक्स विकास निगम प्रदेश के सभी विभागों के लिए विभिन्न इलैक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का रेट कॉन्ट्रैक्ट एक-दो वर्षो के लिए करती हैं, इससे पूरे प्रदेश में सभी विभागों का एक-दो वर्षों में की जाने वाली भारी आपूर्ति के मद्देनजर कम कीमतों पर ये रेट कॉन्ट्रैक्ट होता हैं तथा काफी कम कीमतों पर सामान आपूर्ति करके सरकार का धन बचाया जाता हैं। जहां तक ग्रामीण विकास विभाग को लैपटॉप एवं कम्प्यूटर देने का सवाल हैं, ये लैपटॉप एवं कम्प्यूटर ग्रामीण विकास विभाग को रेट कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा शॉर्टलिस्ट (एल-1) कर न्यूनतम बिडर के माध्यम से उपलब्ध करवाए गए हैं। समाचार पत्रों के माध्यम से इस बारे दी जा रही सूचनाएं तथ्यहीन हैं।
उन्होंने कहा कि यदि कुछ इलैक्ट्रॉनिक्स उपकरण इलैक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के रेट कान्ट्रैक्ट में नहीं होते हैं तो निगम इन उपकरणों के लिए अलग निविदा स्पष्ट एवं पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर ऑनलाइन निविदा के माध्यम से आमंत्रित करती हैं। न्यूनतम बोली देने वाले को ही इन वस्तुओं की आपूर्ति के लिए कहा जाता है। टेन्डर कमेटी में सम्बन्धित विभाग का सदस्य भी होता है तथा उनकी जरूरत और सहमति से ही निर्णय लिए जाते हैं।
समाचार पत्रों में शिक्षा विभाग को दिए जाने वाले लैपटॉप में किसी भी किस्म के फीचर्स कम करने वाली बात निराधार है और अंतिम निर्णय सम्बन्धित विभाग की सहमति से ही लिया जाएगा। परंतु इस विषय पर बेवजाह भ्रम फैलाने से विद्यार्थियों को की जाने वाली लेपटॉप की आपूर्ति में बाधा आती है अतः ऐसी आपूर्तियों में कोई अनियमितताओं वाले समाचार भ्रामक व तथ्यहीन है।
निगम द्वारा कम्प्यूटर व अन्य उपकरण पूरे प्रदेश के विभिन्न विभागों में दी जाने वाली भारी आपूर्ति के आधार पर रेट कॉन्ट्रैक्ट और टेन्डर इत्यादि सभी नियमों व औपचारिकताओं को पूर्ण करके ही किए जाते हैं। इसमें हरेक आपूर्ति सम्बन्धित विभाग की जरूरतों व सहमति के बाद ही की जाती है, अनियमितताओं और उपकरणों के फीचर्स कम करने वाली बातें तथ्यहीन हैं, अतः समाचार पत्रों में छपी बातें निराधार और तथ्यों से परे है।