( जसवीर सिंह हंस ) सिरमौर के जांबाज शहीद श्री अजय कुमार कौंडल को आज उनके पैतृक गांव थुरनधार में राजकीय सम्मान के साथ सैंकड़ों की तादाद में लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी गई । शहीद के पिता सुरेश कौंडल ने अपने बेटे को मुखाग्नि दी गई। इस अवसर पर पच्छाद के विधायक सुरेश कश्यप और जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम राजगढ़ नरेश कुमार वर्मा, पुलिस उप अधीक्षक बबीता राणा तथा सैन्य अधिकारियों द्वारा सिपाही अजय कुमार के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई ।
इससे पहले शहीद अजय कुमार का पार्थिव शरीर आज दोपहर नाहन के आर्मी मैदान में लाया गया जहां पर उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन सहित अन्य सैन्य अधिकारियों द्वारा शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई । उसके उपरांत शहीद श्री अजय कुमार का पार्थिव शरीर सड़क के माध्यम से उनके पैतृक गांव कोटला-पंजोला पंचायत के गांव थुरनधार पहूंचाया गया ।
प्रदेश के लोगो ने गत मंगलवार को कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र के त्राल में आतंकी हमले में शहीद हुए हिमाचली जवान श्री अजय कुमार की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है । उन्होने शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी गहरी सांत्वना भेजी है । श्री अजय कुमार ने देश लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं और देश के लोग इस महान बलिदान के लिए हमेशा बहादुर सिपाही के ऋणी रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि श्री अजय कुमार सिरमौर जिले की पच्छाद तहसील की कोटला-पंजोला पंचायत के थुरनधार गांव से संबंध रखते हैं और जम्मू-कश्मीर में 42-राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। ग्राम पंचायत कोटला पंजोला के उप प्रधान इन्द्र सिंह के अनुसार श्री अजय कुमार की आयु केवल 25 वर्ष थी। इनके पिता सुरेश कौंडल और माता कमला देवी एक साधारण कृषक परिवार से संबध रखते हैं जिनके केवल दो बेटे अजय कुमार और संजय कुमार थे । उन्होने बताया कि शहीद श्री अजय कुमार के छोटे भाई संजय कुमार का लगभग तीन माह पूर्व निधन हुआ है ।
लोगो ने शोकाकुल परिवार को उनके घर जाकर सांत्वना दी और दिवगंत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की । और कहा कि शहीद श्री अजय कुमार के माता-पिता पर विपति का पहाड़ टूट गया है चूंकि इनके छोटे बेटे संजय कुमार की कुछ दिन पूर्व मृत्यु हुई है और श्री अजय कुमार देश की रक्षा करते शहीद हुए है । उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश वीर जवानों की भूमि रही है और श्री अजय कुमार ने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है जिसे कृतज्ञ राष्ट्र कभी नहीं भुला पाएगा ।