( धनेश गौतम ) पूर्व सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह ने स्थानीय विधायक सुंदर ठाकुर को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि शीशे के घर में रहने वाले दूसरों के घरों में पत्थर नहीं फैंकते। उन्होंने कहा है कि सुंदर ठाकुर दूसरों के घर पत्थर नहीं फैंकने चाहिए। यदि हाल यही रहा तो कहीं बाद में पछताना न पड़े।
उन्होंने उम्र में बड़ा होने के नाते सुंदर ठाकुर को नसीहत देते हुए कहा है कि अब तो वे विधायक बन गए हैं और अब उन्हें अभद्र भाषा का प्रयोग छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायक को यह अधिकार नहीं है कि बिना तथ्यों से किसी पर गंभीर आरोप लगाए जाएं।
उन्होंने कहा कि विधायक ने विधानसभा में नियम 61 के अंर्तगत जो वैष्णों माता मंदिर का मामला उठाया और उसने जो अभद्र भाषा का प्रयोग किया है उसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। वे यहां परिधि गृह कुल्लू में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बिना तथ्यों की जानकारी के इस तरह के गंभीर आरोप लगाना किसी को शोभा नहीं देता है। महेश्वर सिंह ने कहा कि विधायक सुंदर ठाकुर ने विधानसभा में कहा है कि वैष्णों माता मंदिर में बाबा द्वारा सारे अनैतिक कार्य किए जाते है। यही नहीं विधायक ने विधानसभा में कहा कि कुछ लोगों की हत्याएं हुई हैं उसमें भी बाबे का हाथ है।
उन्होंने विधायक से निवेदन किया है कि यदि यह आरोप लगाए हैं तो उन्हें सिद्ध भी किया जाए। उन्होंने कहा कि विधायक को मालूम होना चाहिए कि यह एक धार्मिक संस्था है न कि महात्मा की नीजि संपत्ति। 1962 में स्वामी सेवक दास आईएस की नौकरी छोड़कर गुफा में रहने आए और मिट्टी के तेल के दीयों की रोशनी जलाकर दिन-रात काम किया। वहीं, गीता मां जो अखाड़ा बाजार की रहने वाली है विवेकानंद की पुस्तकेें पढ़ कर स्नयासी बनी और 1974 से मंदिर की सेवा कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि 1962 में जब यह मंदिर बना था तब विधायक ने शायद संसार में आंखे भी नहीं खोली थी। उन्होंने कहा कि विधायक को पता होना चाहिए कि भू-संरक्षण अधिनियम का जन्म 1980 में हुआ है और कें्रद सरकार ने प्रावधान रखा है कि भू-संरक्षण अधिनियम के जन्म से पूर्व जितने भी कब्जे हैं उन्हें रेगुलर किया जाए। उन्होंने वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को बधाई दी है कि उन्होंने विधायक के प्रश्रों को जबाव कड़ाई से दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सुंदर ठाकुर ने सीएम का नाम लेकर बिना रूट परमिट से बसें चलाकर लोगों की आंखों में धूल झोंका लेकिन अब तो जन प्रतिनिधि बन गए हो अब इस तरह की निराधार बातें नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वैष्णों माता मंदिर में जो अवैध कब्जा था वो हटा दिया गया है और1980 से पहले का जो कब्जा है वो न्यायलय में विचाराधिन है। उन्होंने हिमाचल सरकार से निवेदन किया है कि एक व्यक्ति विशेष को लेकर संस्था को बदनाम नहीं करना चाहिए और अब सरकार को इसकी कोई समुचित व्यवस्था करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मंदिर में कोई श्रद्धा से दान करें तो किसी के पेट में दर्द नहीं होनी चाहिए और मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मंत्री के महात्मा से कुछ लोग इस तरह की घृणा क्यों करते हैं। गौर रहे कि प्रतिदिन विधानसभा में चर्चा के दौरान कुल्लू के विधायक सुंदर ठाकुर ने वैष्णों माता मंदिर मामला उठाया और इस विषय को लेकर मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर व विधायक सुंदर ठाकुर में तीखी नोंक झोंक हुई हैं।