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सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के वाहन मालिकों को जल्द ही बड़ी सुविधा मिलने जा रही है. अब वाहन मालिकों को गाड़ियों की पासिंग करवाने के लिए परिवहन विभाग के एमवीआई के शैड्यूल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. यहां जल्द ही वाहन मालिकों को ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) की सुविधा मिलने जा रही है. परिवहन विभाग के नियंत्रण में निजी क्षेत्र में खुलने वाला यह स्टेशन नाहन विधानसभा क्षेत्र के कोलर में खोला जाएगा. इस स्टेशन के लिए जहां संबंधित निजी कंपनी को सरकार की तरफ से परमिशन मिल चुकी है, तो वहीं इसके लिए जमीन का भी चयन कर लिया गया है.
दरअसल इस स्टेशन की सुविधा मिलने के बाद अब गाड़ियों की पासिंग के लिए एमवीआई के शेड्यूल का झंझट खत्म हो जाएगा. वाहन मालिक अपनी सुविधा के मुताबिक अब हर दिन गाड़ियों की पासिंग करवा सकेंगे. इस ऑटोमेटेड टैस्टिंग स्टेशन में गाड़ियों की पासिंग होने से मानवीय त्रुटियों की आशंका भी दूर होगी और गाड़ियों की पासिंग में लोगों का समय भी बर्बाद होने से बचेगा. बताया जा रहा है कि कोलर में खुलने वाले इस स्टेशन के लिए परिवहन विभाग की तरफ से संबंधित कंपनी को शुरुआती चरण का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी जारी किया जा चुका है.
कोलर में परिवहन विभाग के नियंत्रण में निजी क्षेत्र में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन खोला जाना प्रस्तावित है, जिसकी संबंधित कंपनी को सरकार से परमिशन मिल चुकी है. जनवरी माह में इसके शुरू होने की उम्मीद है.” – सोना चंदेल, आरटीओ सिरमौर
कोलर में जिस स्थान पर यह स्टेशन प्रस्तावित हैं, वहां फिलहाल धान की फसल खड़ी है. लिहाजा माना जा रहा है कि इसी माह यहां ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन का काम शुरू हो जाएगा. जनवरी माह के दूसरे सप्ताह तक यह स्टेशन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि ये स्टेशन निजी कंपनी की तरफ से खोला जा रहा है, लेकिन इस पर नियंत्रण परिवहन विभाग का रहेगा. बहरहाल इस स्टेशन के खुलने के बाद पूरे जिले की गाड़ियों की पासिंग कोलर में ही होगी.
अभी करना पड़ता है लंबा इंतजार
हिमाचल प्रदेश समेत जिला सिरमौर में अभी मैन्युअल तरीके से ही गाड़ियों की पासिंग होती है. इसके लिए एमवीआई के शैड्यूल का इंतजार करना पड़ता है. जिला सिरमौर में भी सब डिविजन स्तर पर गाड़ियों की पासिंग के लिए परिवहन विभाग शैड्यूल जारी कर अलग से तारीख निर्धारित करते हैं और हर स्थान पर एमवीआई की ही देखरेख में वाहनों की पासिंग होती है. इसके आधार पर सब डिविजन में तय दिनों में ही गाड़ियों की पासिंग होती है. यदि किसी कारण वाहन मालिक तय दिन में गाड़ी की पासिंग नहीं करा पाते हैं, तो उसे अगली तारीख का लंबा इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में ऑटोमेटेड टैस्टिंग स्टेशन खुलने से वाहन मालिक अपनी सुविधा के मुताबिक कभी भी गाड़ियों की पासिंग करा सकेंगे.
“प्रदेश भर में अभी गाड़ियों की पासिंग मैन्युअल तरीके से होती है, जिसमें कई तरह की त्रुटियां रह जाती है. इनको खत्म करने के लिए शुरुआती चरण में कुछ जिलों में यह ऑटोमेटेड टैस्टिंग स्टेशन खोले जा रहे हैं, जिसमें जिला सिरमौर भी शामिल हैं. इस स्टेशन में पूरे महीने टैस्टिंग की सुविधा मिलेगी और लोगों को गाड़ी की पासिंग के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. गाड़ी की पासिंग के समय मानवीय त्रुटियों के रहने की आशंका भी खत्म हो जाएगी.” – सोना चंदेल, आरटीओ सिरमौर
क्या हैं ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन?
ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन ऐसे केंद्र हैं, जहां मोटर गाड़ियों की फिटनेस की जांच स्वचालित मशीनों से की जाती है. इन स्टेशनों का उद्देश्य परिवहन विभाग के काम के बोझ को कम करना, वाहनों के फिटनेस परीक्षण में पारदर्शिता लाना और प्रदूषणकारी व पुराने वाहनों की पहचान करना है. इन मशीनों के जरिए गाड़ियों के प्रदूषण, ब्रेक, लाइट्स, टायर और अन्य सुरक्षा मानकों की जांच की जाती है. मशीनों द्वारा स्वचालित जांच मानवीय हस्तक्षेप को कम करती है, जिससे जांच प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष होती है.