हाई कोर्ट के आदेश पर कांगड़ा ज़िला एसपी व कांगड़ा एडीएम नूरपुर में बस हादसे में मृतक बच्चो के अभिवावकों से मिले

 

( अनिलछांगू) प्रदेश उच्च न्यालय के आदेश पर कांगड़ा ज़िला पुलिस अधिषिक सन्तोष पटियाल व अतिरिक्त जिला कांगड़ा मेजिस्टेट मस्त राम भारद्वाज ने नूरपुर के गांव खुपबाडा में मृत बच्चो के परिवार के लोगो के साथ उनकी समस्याओं को सुना।हिमाचल प्रदेश में ये पहली घटना दी माह पहले हुई थी,जिसमे एक निजी स्कूल की बस स्कूल से बच्चो को घर ले जाते समय चेली नामक स्थान पर लोकनिर्माण बिभाग की अनदेखी के कारण लगभग सात सौ मीटर गहरी खाई में पलट गई,जिसमे घायल कुछ बच्चो को नूरपुर अस्पताल में ले जाते बक्त मौत की गोद मे सोना पड़ा और कुछ घायल बच्चो को ईलाज के लिये टांडा या पठानकोट में भेजा गया।

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आज कांगड़ा एसपी ने मृत परिबार के सभी सदस्यों के साथ खुबाडा में बात की।सभी उपस्थित इन परिवार के लोगो ने सैनिक विक्रम के नेतृत्व में आस्था जताते हुए एसपी के समक्ष प्रकरण की जिमेदारी दी।विक्रम ने एसपी के समक्ष ये रोष जताया कि बस हासदा हुए दो माह बीत गए, लेकिन नूरपुर पुलिस व प्रसाशन अभी तक इस हादसे में एक भी गिरफ्तारी नही कर सका।एसपी के आदेशो के बाद भी धर्मशाला में मिलने के बाद भी आज दिन पुलिस की कार्यबाही एसपी के समक्ष कोई धरातल से जुड़ी देखने को नही मिलती।

उन्होंने कहा कि हमे इंसाफ चाहिए,यदि आपकी पुलिस इंसाफ नही दे सकती तो आप ये केस सी वीआई को देने के लिये प्रेषित करे।विक्रम ने कहा कि बड़ी ही हैरानी की बात है कि मंगत नाम के एक ब्यक्ति ने पुलिस को ये सूचना दी है,लेकिन आज तक वो मृत परिवार के लोगो से नही मिल सका।जो एफआईआर मृत परिवार के लोगो ने पुलिस को पंजीकृत करने को दी उसको दर्ज करना तो दूर,उस पर गौर तक भी नही किया गया।

आज तक नूरपुर पुलिस निजी स्कूल प्रसाशन के खिलाफ कार्यबाही नही कर सकी,और इस हादसे में जो बस गिरी उसकी वास्विकता को पहचानने से काफी कोसो दूर हैं तथा पूर्व पंचयात प्रधान शक्ति सिंह के खिलाफ भी उन्होंने काफी सवूत दिए।आजतक पँचायत प्रधान भी मृत परिवार के लोगो से इस दर्दनाक घटना का दुख नही जता सकी।वही उन्होंने लोकनिर्माण बिभाग की कारगुज़ारी पर कई प्रश्न रखे।वही एडीएम द्वारा की गई जांच पर भी उन्होंने एक पक्षीय बता कर अपना रोष जताया।

कांगड़ा ज़िला एसपी ने मृत परिवार के लोगो को ये आश्वासन दिया कि इस दर्दनाक घटना का दुख उन्हें भी काफी है।लेकिन इस संकट की घड़ी में हाई कोर्ट के आदेश पर एडीएम कांगड़ा के साथ आया हु।मौके पर उपस्थित एसपी ने जिस प्रकार लोगो के साथ मधुर बर्ता करके पुलिस बिभाग की कार्यप्रणाली का उदाहरण देकर गुस्साये लोगो को शांत किया।हिमाचल प्रदेश में ये किसी पुलिस अधिकारी का पहला उदाहरण देखने को मिला है।

जिसमे उन्होंने नूरपुर पुलिस प्रशासन नूरपुर डीएसपी नवदीप सिंह को मृत परिवारों के समक्ष निर्देश दिए कि एक सप्ताह के अंदर विक्रम सिंह द्वारा जो तथ्य मुझे दिखाय गए है उनको आधार मान कर कार्यबाही की जाय, और जो भी लोग इसमें दोषी है जो इन लोगो के द्वारा आज बताए गए है,उनके खिलाफ कानून का शिकंजा कसा जाए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए।

एसपी ने बताया कि इस सन्दर्ब मे एक तकनीकी टीम अपना कार्य कर रही है और बहुत जल्द मोके पर आएगी तथा आप लोगो ने जो समस्याएं रखी है,उसमे जो भी दोषी होगा उसको गिरफ्तार किया जाएगा।आपने संकट की घड़ी में धैर्य रखा ये अच्छी बात है।

फ़ौज़ के जवान विक्रम ने बताया कि इस हादसे में मेरा बच्चा भी मौत का शिकार हुआ है और रात दिन हमारी नींद हराम है 9 जून को मैने ड्यूटी पर बापिस जाना है।फ़ौज धरातल पर काम करती है,लेकिन पुलिस धरातल से कोसो दूर है हमे इंसाफ चाहिए।प्रशासन द्वारा इंसाफ न मिलने पर हमें हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।अभी तक हाई कोर्ट ने ही हमारे जख्मो को मलहम लगाया है।

अब एसपी महोदय से यही गुजारिश यही है कि हमे इंसाफ धरातल से जुड़ा होना चाहिए।दोषियों की गिरफ्तारी अगर पुलिस करती है तो ये सबसे बड़ी राहत होगी।हमे डर है कि कहि ये मुद्दा मृत परिवारों के इंसाफ लेने की आड़ में कही राजनीतिक फाइलों में दफन न हो जाए।उन्होंने पंचयात प्रधान व स्कूल प्रसाशन की कारगुज़ारी का प्रश्न किया कि जिस पंचयात प्रधान को हमने भारी वोटो से जिताकर पंचयात में भेजा आज उस प्रधान को हमारे मृत बच्चो के शोक का भी समय नही मिला।

इस बस हादसे में उपस्थित लोगों में एक वार्ड सदस्य भी उपस्थित थी जिसने पंचयात प्रधान की खुलकर नीतियों का विरोध किया कि इन परिवारों में आजतक पंचयात बीपीएल के लिये पंजीकृत नही कर सकी।एसपी कांगड़ा व एडीएम को विक्रम ने सभी मृत परिवारों के घरों की स्थिति का भी हाल दिखाया।जिस पर एसपी नई मानवता के आधार पर वितीय मदद के लिये सरकार से गुजारिश करने का अशबासन दिया।इसमें एक 14 बर्षीय बेटी गूंगी ब बहरी भी थी।

हाई कोर्ट ने इस सन्धर्व मे एक टीम का गठन किया है जो मोके पर जाकर सारी रिपोर्ट देखेगी और जो लोग इस हादसे में डिप्रेशन का शिकार हुए है,जिसमे बच्चे भी शामिल है उसके लिये एक डॉक्टर की टीम मौके पर आकर उपचार करेगी।प्रदेश उच्च न्यालय ने संदीप शर्मा(उच्चतम न्यालय के जज)व सरकारी वकील अनूप रत्न,अशोक शर्मा,जर्नल वैद्य,मिस रीता गोस्वामी,नंद लाल ठाकुर,वी वी वर्मा,शीतल की टीम नियुक्त की है।

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