( जसवीर सिंह हंस ) स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने आज यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नवजात शिशुओं में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए ‘माँ’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नवजात व शिशुओं में स्तनपान को बढ़ावा देना तथा माता, पति व परिवार के सदस्यों को स्तनपान के लाभ के बारे में शिक्षित करना, माता तथा नवजात शिशु को बेहतर वातावरण प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि स्तनपान अत्यन्त महत्वपूर्ण है जो शिशु के स्वास्थ्य के लिए माँ की ओर से सर्वोत्तम उपहार है। स्तनपान शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी सहायक होता है।
उन्होंने कहा कि जीवन के प्रथम दो वर्षों में बच्चों को पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है जिसे इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से राज्य में स्वस्थ बच्चों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन का नियमित अनुश्रवण करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि माँ कार्यक्रम का मुख्य घटक सामुदायिक जागरुकता, आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से व्यक्तिगत संचार को सुदृढ़ करना, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं और कार्य स्थलों में स्तनपान के लिए सुविधा व उपयुक्त वातावरण उपलब्ध करवाना है।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री प्रबोध सक्सेना ने कहा कि राज्य सरकार इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक नवजात शिशु तथा माँ तक प्रत्येक सुविधा पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि केवल 50 प्रतिशत बच्चों को संस्थागत प्रसव के एक घंटे के भीतर स्तनपान आरम्भ करने का लाभ मिलता है। हिमाचल प्रदेश में केवल 60 प्रतिशत शिशुओं को छः माह तक स्तनपान करवाया जाता है।
केवल 40 प्रतिशत शिशुओं को ही छः माह के उपरान्त पूरक आहार प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में यह सुनिश्चित बनाया जाएगा कि शत प्रतिशत लक्षित लाभार्थियों को प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए प्रेरित किया जाए। माँ कार्यक्रम शिशुओं व युवा बच्चों के पोषण पर स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के प्रशिक्षण पर भी ध्यान केन्द्रित करेगा।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंगला सूद ने माँ कार्यक्रम व प्रदेश में लागू करने के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
विशेष सचिव स्वास्थ्य एवं निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री पंकज रॉय, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य इस अवसर पर उपस्थित थे।