अनुसंधान तथा नवीन तकनीक के लाभ खेतों तक पंहुचाने आवश्यक ,निचले क्षेत्रों में बागवानी विकास के लिए 1688 करोड़ रुपए की परियोजना

सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, बागवानी तथा सैनिक कल्याण मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की विविध जलवायुगत अनुकूलता से लाभान्वित होने के लिए कृषि वैज्ञानिकों को अनुसंधान तथा नवीन तकनीक के लाभों को खेतों तक पहुंचाना होगा। महेन्द्र सिंह ठाकुर आज डॉ. यश्वन्त सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में विभिन्न निरीक्षण करने के उपरान्त विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों एंव अन्य को स बोधित कर रहे थे।

महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जलवायुगत परिस्थितियां विभिन्न फलों, फूलों तथा बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन के लिए सर्वथा अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हमारे प्रयासों की सफलता कृषि वैज्ञानिकों के योगदान पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को न केवल अनुसंधान तथा नवीन तकनीक को खेतों तक पहुंचाना होगा अपितु किसानों एवं बागवानों को इनके उपयोग की दिशा में प्रशिक्षित भी करना होगा।

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बागवानाी मंत्री ने कहा कि मु यमन्त्री जयराम ठाकुर के ऊर्जावान नेतृत्व में प्रदेश सरकार 6 माह की अल्पावधि में ही केन्द्र सरकार से प्रदेश के लिए विकास की सशक्त योजनाएं स्वीकृत करवाने में कामयाब रही है। प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बागवानी विकास के लिए केन्द्र सरकार ने 1688 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी परियोजना स्वीकृत की है। यह परियोजना कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बागवानी विकास की नई इबारत लिखने में कामयाब होगी।

महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ पेयजल एंव सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। राज्य सरकार के सत्त प्रयासों एवं केन्द्र सरकार की उदार सहायता से हिमाचल को पेयजल एवं सिंचाई क्षेत्र के लिए अनेक परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के लिए वर्ष 2000 से पूर्व निर्मित पेयजल योजनाओं के सवंद्धन एवं आवश्यकतानुसार पुन: निर्माण के लिए 800 करोड़ रुपए की परियोजना स्वीकृत की गई है। वर्षाजल संग्रहण, पेयजल तथा सिंचाई क्षेत्र के लिए 4751 करोड़ रुपए की एक परियोजना केन्द्र सरकार के पास विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही यह परियोजना भी स्वीकृत हो जाएगी।

सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 3267 करोड़ रुपए की परियोजना स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लगभग 1900 करोड़ रुपए की परियोजना स्वीकृत की गई है।

महेन्द्र सिंह ठाकुर ने इससे पूर्व विश्वविद्यालय के विभिन्न उत्पादन एवं प्रशिक्षण केन्द्रों का निरीक्षण किया तथा वैज्ञानिकों को इस दिशा में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए।उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में चन्दन का पौधा भी रोपा।विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एच.सी. शर्मा ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के स बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण दिया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुल सचिव राजेश मारिया, विभिन्न संकायों के अध्यापक, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधीक्षण अभियन्ता संजीव कौल, अन्य अधिकारी तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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