(अनिलछांगू ) धर्मशाला एक तरफ प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाने व ट्यूशन की प्रथा को समाप्त करने के लिए प्रयासरत है तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापक-प्राध्यापक ट्यूशन अकादमियां चलाकर सरकार के दावों को खोखला साबित कर रहे हैं।विस् क्षेत्र जवाली में अधिकतर निजी स्कूलों में अकादमियां चल रही हैं जिनमें सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापक-प्राध्यापक स्कूल छुट्टी के बाद ट्यूशन पढ़ाते हैं व बच्चों से ट्यूशन के नाम पर मोटी रकम वसूल करते हैं।
बुद्धिजीवियों सन्तोष कुमार, सतीश कुमार, दिनेश कुमार, राजीव कुमार, संजीव कुमार, विजय कुमार इत्यादि ने कहा कि सरकारी स्कूलों के अध्यापक सरेआम ट्यूशन अकादमियां चला रहे हैं और मोटी रकम वसूल कर रहे हैं।प्रति विषय एक घण्टे के 500 से 800 रुपए वसूल किए जा रहे हैं।जवाली के निजी स्कूलों में ट्यूशन का धंधा सरकारी अध्यापक चला रहे हैं जिन पर शिक्षा विभाग व प्रशासन रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है।बुद्धिजीवियों ने कहा कि प्रदेश सरकार व प्रशासन इन सरकारी अध्यापकों के ट्यूशन पढ़ाने के धंधे पर रोक लगाए और अगर कोई सरकारी अध्यापक ट्यूशन पढ़ाते हुए पकड़ा जाए तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए।
इस बारे में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से बात हुई तो उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी अध्यापक-प्राध्यापक ट्यूशन नहीं पढ़ा सकता है और अगर कोई सरकारी अध्यापक-प्राध्यापक ट्यूशन पढ़ा रहा है तो कोई उसकी फोटो मुझे भेजे, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग को भी निर्देश दिया जाएगा कि ऐसे अध्यापकों-प्राध्यापकों के खिलाफ नुकेल कसी जाए।