स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुर्वेद मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पैरा चिकित्सा विज्ञान संस्थान खोलने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करके स्वीकृति हेतु केन्द्र सरकार को भेजा जा रहा है। संस्थान के खुलने से राज्य में बड़ी संख्या में पैरा मेडिकल स्टॉफ के कार्यकलापों का संचालन और स्वास्थ्य संस्थानों में स्टॉफ की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा।
स्वास्थ्य मंत्री विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के प्रति संवेदनशील है और मंत्रिमण्डल की प्रत्येक बैठक में स्वास्थ्य से जुड़े अनेक मामलों को स्वीकृति प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने चुनावों के समीप बिना किसी बजट प्रावधान के तथा स्टाफ के अनेक स्वास्थ्य संस्थानों की घोषणाएं की, जिसका खामियाजा वर्तमान सरकार को भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में चिकित्सकों के केवल 276 पद रिक्त हैं और दिसम्बर तथा जनवरी माह में इनमें से अधिकांश पद भर लिए जाएंगे और राज्य के दूर दराज तथा ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों को अतिरिक्त वित्तीय लाभ सहित नियुक्त किया जा रहा है।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि राज्य के लिए छः ट्रॉमा सेन्टर स्वीकृत हुए हैं जिनमें आईजीएमसी शिमला, मेडिकल कालेज टांडा जिला कांगड़ा, चम्बा, मण्डी जिला में नेरचौक, हमीरपुर तथा रामपुर शामिल हैं जबकि कुल्लू तथा बिलासपुर में ये केन्द्र पहले ही संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, नौ और ट्रॉमा सेन्टर स्वीकृति हेतु केन्द्र सरकार को भेजे गए हैं। इनमें ऊना, नाहन, रिकांगपिओ, धर्मपुर जिला सोलन, नूरपुर, पालमपुर, जोगिन्द्र नगर, केलंग तथा नालागढ़ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी ट्रॉमा सेन्टरों के स्वीकृत हो जाने पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया अध्याय जुड़ेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माणाधीन स्वास्थ्य भवनों के कार्य में तेजी सुनिश्चित की जाए ताकि आम जन मानस को इसका शीघ्र लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने राज्य में शुरू की गई विभिन्न स्वास्थ्य उपचार योजनाओं विशेषकर आयुष्मान भारत तथा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं में पात्र सभी परिवारों को सम्मिलित करने तथा इनका प्रचार व प्रसार करने के निर्देश दिए। बैठक में स्वास्थ्य तथा आयुर्वेद विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।