( जसवीर सिंह हंस ) अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिरमौर हंसराज की अदालत ने हत्या के मामले में दोषी एक व्यक्ति को उम्रकैद की कठोर सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी को 25 हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा। यदि जुर्माना न अदा किया तो उसे छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। यह सजा सतपाल निवासी धवाड़ी, संगड़ाह को आईपीसी की धारा 302 के तहत सुनाई गई है। उप जिला न्यायवादी एकलव्य चौधरी ने बताया कि 27 अगस्त 2015 को वादी मोहीराम ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया कि वह गोपाल, संजू, रविए वेद, कपिल व सतपाल एक साथ सडक़ से पत्थर निकालने का काम करते थे।
इसके अलावा सैंलेंद्र ट्रैक्टर में पत्थर ढोने का काम करता था। 26 अगस्त को वह दिनभर काम करने के बाद शाम को बागील में अपने कमरे चले गए। शाम करीब साढ़े पांच बजे सतपाल व सैलेंद्र मोटरसाइकिल पर शराब लेने के लिए खैरी ठेके पर पहुंंचे। 8 बजे वापस पहुंचकर दोनों ने मकान के लेंटर पर शराब पी। रात के समय कुछ लोग छत पर सोये थे जबकि वादी मोहीराम व सैलेंद्र इक_े सोये हुए थे। रात करीब साढ़े 12 बजे ट्रैक्टर की छतरी में लगे शीशे के टूटने की आवाज आई तो मोहीराम ने देखा कि सैलेंद्र के सिर से खून निकल रहा था।
दोषी सतपाल ने उसके सामने ही एक झब्बल लैंटर पर फैंकी और मौके से फरार हो गया। घायल सैलेंद्र को ददाहू अस्पताल पहुंचाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। श्रीरेणुकाजी पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करने के बाद जांच की तो पता चला कि सतपाल ने सैलेंद्र के सिर पर दो वार किए। तीसरा वार ट्रैक्टर की छतरी से टकराकर शीशे में लगा। इसके अलावा पता चला कि दोषी सतपाल की मृतक के साथ दो दिन पहले ही कोई कहासुनी हो गई थी। इसके बाद सतपाल ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया। मामले की जांच करने पर पुलिस ने दोषी सतपाल को हिरासत में लिया। दोषी की पेंट में लगे खून का मृतक के खून के साथ मिलान करने पर अदालत में चालान पेश किया। चालान पेश करने के बाद कुल अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाह पेश हुए। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी उपजिला न्यायावादी नाहन एकलव्य ने की।