जिला में सभी अधिकृत उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर पोस (प्वाईट ऑफ सेल) मशीन के माध्यम से ही उर्वरक की बिक्री की जाएंगी। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त आदित्य नेगी ने आज कृषि विभाग द्वारा खादों पर प्रत्यक्ष लाभ अतंरण (डीबीटी) योजना के शुभारम्भ करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर मंे मौजुद 123 अधिकृत उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर पारदर्शिता लाने के ंिलए 1 फरवरी, 2018 से उर्वरकों पर प्रत्यक्ष लाभ अत्ंारण (डीबीटी) प्रणाली में लाई जाएगी ताकि जिलों में सामान्य रूप से उर्वरक की उपलब्धा तथा ऑनलाईन मॉनिटरिंग, काला बाजारी पर रोक तथा खाद वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाई जा सके। इसके लिए जिला में कार्यरत सभी 123 अधिकृत लाईसेंस होल्डर, परचून खाद विक्रेताओं सहकारी सभाओं तथा डिपू होल्डरस को पीओएस मशीनें उपलब्घ करवा दी गई है तथा इससे संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करवा दिया गया है ताकि खाद वितरण संबंधी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
उन्होंने बताया कि किसान उपभोक्ता द्वारा खाद खरीदने के लिए आधार कार्ड या आधार नामंाकण की जानकारी देनी आवश्यक होगी तथा इस प्रणाली द्वारा पूरे जिले में उर्वरकों की उपलब्धता तथा ऑनलाईन निगरानी की जा सकेगी तथा इसके द्वारा जिला के कृषि क्षेत्र में डिजिटल सेवा को बढ़ावा मिलेगा।
इसके पश्चात जिला उप-निदेशक कृषि विभाग श्री विद्यासागर नेगी ने विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में कृषि विभाग द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को भी इस उर्वरक डीबीटी परियोजना से लिंक किया जाएगा ताकि किसान व बागवान भूमि की आवश्यकता अनुसार उर्वरक का प्रयोग कर सके। उन्होंने बताया कि किसानों को खाद पूर्व की भांति भविष्य मंे भी अनुदान मुल्यों पर ही मिलेगा और इसके लिए उन्हंे अतिरिक्त कीमत नहीं देनी होगी।
इससे पूर्व कृषि विकास अधिकारी डा0 पवन ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। इस अवसर पर उप-निदेशक उद्यान विभाग राम लाल कपिल, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार, कृषि प्रसार अधिकारी डा0 रणबीर सहित नाहन, पांवटा व रेणुका खण्ड के खाद विक्रेता भी उपस्थित थे।