मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज भारत-तिब्बत सीमा पुलिस क्षेत्रीय मुख्यालय तारा देवी शिमला से उत्तरी सीमा पर्वतारोहण अभियान को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। 40 दिनों तक चलने वाले इस अभियान के दौरान समुद्र तल से 20630 फुट ऊंचे लाहौल-स्पिति जिले के मणीरांग पर्वत को फतह किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पण, देशभक्ति और कार्यकुशलता से कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियानों से जवानों में नेतृत्व व आत्मविश्वास के साथ-साथ अनिश्चित एवं कठिन परिस्थितियों में जिम्मेवारी के साथ कार्य करने का प्रशिक्षण मिलता है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि यह संगठन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान जैसे सामाजिक सरोकार के कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है तथा यह अभियान पर्यावरण, जागरूकता तथा स्वच्छता के सन्देश को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने हाल ही में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा किन्नौर जिले की सांगला घाटी के नागस्ती में किए गए बचाव कार्यों के दौरान कीमती जिन्दगियों के बचाव की सराहना की।
उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा भारत-चीन सीमा की रक्षा तथा हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों में स्थानीय जनसंख्या के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह बल प्राकृतिक आपदाओं के समय महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने वर्तमान वर्ष के दौरान 53 चिकित्सा शिविरों का आयोजन भी किया है। मुख्यमंत्री ने अभियान की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।
निरीक्षक जनरल एच.एस. गोराया (पीएमजी) ने इस अवसर पर बताया कि भारत-तिब्बत पुलिस ने 200 से अधिक चोटियों पर भारत एवं बल का झण्डा फहराया। उन्होंने कहा कि इस समय भारत की सीमा, आंतरिक सुरक्षा तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस बल की 60 से अधिक इकाइयां कार्य कर रही हैं। उप-महानिदेशक सैक्टर मुख्यालय शिमला रमन खडवाल ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुण्डु, उपायुक्त शिमला अमित कश्यप तथा पुलिस अधीक्षक शिमला ओमापति जम्वाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।