डेढ़ से 84 करोड़ हो गई सीएम वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य की संपत्ति

विधानसभा चुनाव मैदान में पहली बार उतरे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह की चल-अचल संपत्ति पांच साल में लगभग डेढ़ करोड़ से बढ़कर 84.32 करोड़ रुपये पहुंच गई है। वर्ष 2012 के विस चुनाव में पिता वीरभद्र सिंह के दाखिल हलफनामे में विक्रमादित्य बतौर आश्रित 1.19 करोड़ की चल और 33 लाख की अचल संपत्ति के मालिक थे।

इस दौरान उनकी संपत्ति में कई गुना बढ़ोतरी हुई है जबकि मुख्यमंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह की चल व अचल संपत्ति 27 करोड़ से घटकर लगभग 14 करोड़ हो गई है। शिमला ग्रामीण सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रहे विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को दाखिल नामांकन में अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया।

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वर्ष 2012 में वीरभद्र सिंह ने शिमला ग्रामीण से दाखिल नामांकन में पत्नी प्रतिभा सिंह, पहले आश्रित के तौर पर बेटी अपराजिता कुमारी और दूसरे आश्रित के तौर पर बेटे विक्रमादित्य सिंह की संपत्तियों का ब्योरा दिया था। पिता के दाखिल शपथपत्र के अनुसार बेटे विक्रमादित्य के कुल पांच बैंक खातों और बीमा पालिसी में 1.19 करोड़ रुपये चल और 33 लाख रुपये की अचल संपत्ति दर्शायी गई थी।

इसके अलावा उनके पास कैश इन हैंड दस हजार रुपये था। वीरभद्र की अपने नाम चल संपत्ति 8.26 करोड़ और अचल संपत्ति 18.76 करोड़ रुपये थी। पांच वर्ष बाद अब विक्रमादित्य अपनी सियासी पारी शुरू करने जा रहे हैं। वीरभद्र सिंह के अर्की सीट से नामांकन में दिए शपथपत्र में बेटे विक्रमादित्य को अब आश्रित नहीं दर्शाया है।

मुख्यमंत्री की पांच साल में चल और अचल संपत्ति घटकर लगभग 13 करोड़ रह गई है। उधर, विक्रमादित्य सिंह के शिमला ग्रामीण सीट पर ताजा हलफनामे में एक लाख नकदी के अलावा 10 लाख 26000 के गहने हैं।

कुल संपत्ति में से 79.82 करोड़ अचल संपत्ति है। तयवाल, सराहन और कुमारसैन में उनके नाम 24.512 एकड़ जमीन है।

साथ ही कासवा बाजार रामपुर पदम (पैलेस) और उप महल लक्कड़ बाजार (हॉलीलाज) की संपत्ति भी शामिल है। वर्तमान कीमतों के अनुसार इनकी कुल कीमत 79,82,50,958 रुपये है।

विक्रमादित्य सिंह के कुल पांच बैंक खाते हैं जिनमें 1,09,42,326 रुपये जमा हैं। इसके अलावा 1.34 करोड़ का बैंक लोन भी लिया है।

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