सीएमओ ने भी संयुक्त निदेशक के सुर में मिलाए सुर
पच्छाद विधान सभा क्षेत्र के सराहां स्थित सिविल अस्पताल की अव्यवस्था का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष गंगू राम मुसाफिर के गृह क्षेत्र से जुड़े इस मामले में अभी तक किसी नेता की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। रविवार को स्वयं श्री मुसाफिर इस अस्पताल में थे जहां उन्होंने मेडिकल कैंम्प का उद्घाटन किया यही नहीं सीएमओ डॉ संजय शर्मा भी कैंम्प में मौजूद थे। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक ने अस्पताल में छापेमारी कर कई राज उजागर किए हैं जिसमें अधिकारीयों को जवाब देते नहीं बन रहा है।
सराहां सिविल अस्पताल में मरीजों से बदसलूकी का यह मामला सीएम ऑफिस पहुंच चूका है जिसकी जांच चल रही है। प्रारम्भिक जांच में सामने आई खामियों से विभागाधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं। मामला गंभीर है जिसमें कईयों पर गाज गिर सकती है। सीएमओ डॉ संजय शर्मा ने स्वयं को मामले से अलग कर कड़ाई से निपटने के संकेत दे दिए हैं। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह मरीजों से जुड़ा मामला है जिसे गंभीरता से लिया जा रहा है। जिला के किसी भी अस्पताल में इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सराहां अस्पताल में सामने आए इस मामले मइ किसी को बख्शा नहीं जाएगा। यहां पहुंचते ही उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किया और संयुक्त निदेशक द्वारा चिन्हित खामियों को जल्द दरुस्त करने के निर्देश दिए। मरीजों से डॉक्टरों की बदसलूकी के मामले में विभाग कड़ाई से एक्शन लेगा।
सिविल अस्पताल सराहां में पिछले 6 महीनों से दवाइयों का कोई रिकार्ड ही नहीं है। यह कार्य फार्मासिस्ट के हवाले होता है। अस्पताल में चीफ फार्मासिस्ट समेत फार्मासिस्ट के तीन पद हैं लेकिन यहां मात्र एक फार्मासिस्ट है। सरकार ने इस अस्पताल का दर्जा तो बढ़ाया लेकिन स्टाफ देना भूल गई। सालों से सिविल अस्पताल में एक फार्मासिस्ट है। इसके आलावा एक दर्जन पीएचसी, दर्जनों सब सेंटर व 116 आशा वर्करों को फार्मासिस्ट से ही दवाइयां दी जाती हैं। सीएमओ ने बताया कि अस्पताल में फार्मासिस्ट की कमी के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है। उधर बीएमओ डॉ यशवन्त सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने उच्चाधिकारियों को पहले ही अस्पताल की स्थिति से अवगत करवा दिया था।