अब तो लोग ये कहने लगे है कि यदि डिलीवरी करवानी है तो हॉस्पिटल की बजाये 108 एम्बुलेंस में करवा लो | जी हा क्यूंकि सरकारी डॉक्टरो के तो इतने बुरे हाल हो गये है की जिस डिलीवरी के लिए शिलाई व रोहनाट से ये कहकर रेफर कर दिया गया कि बच्चे की धड़कन नहीं है और न ही बच्चे की कोई एक्टिविटी हो रही है व उसी को 108 एम्बुलेंस कर्मी नार्मल डिलीवरी करवा देते है |
और इस मामले में पोंटा साहिब के हॉस्पिटल का तो उससे भी बुरा हाल है यहाँ तेनात एक डॉक्टर जो अपने आप को बड़ा गायनी का डॉक्टर बताता है बिलकुल समय पर या तो सर्जरी बता देता है लेमन हॉस्पिटल जाने की सलाह देता है जैसे लेमन हॉस्पिटल में उसकी कोई सेटिंग हो | यहाँ तक की अल्ट्रासाउंड के लिए भी एक खास नर्सिंग होम का नाम लिखा जाता है | यदि पर्ची देखी जाये तो एक खास कम्पनी की दवाई ही लिखी जाती है |
आज सविता देवी उम्र 24 साल पत्नी रमेश कुपवी जिला शिमला की निवासी को रोहनाट से शिलाई व शिलाई से सिविल हॉस्पिटल पोंटा साहिब के लिए रेफर किया गया सतौन के पास आकर उसको जयादा तकलीफ होने पर EMT ओम प्रकाश व पायलट पुष्पिंदर ने उसकी डिलीवरी करवाने का निर्णय लिया व सफल नार्मल डिलीवरी करवा दी | व बच्चा व जच्चा भी अब सवास्थ्य लाभ ले रहे है |