रोजाना हाथी के साथ एक हथनी व एक हाथी का बच्चा भी आते थे : स्थानीय ग्रामीण
बहराल क्षेत्र में आज सुबह भारी भरकम हाथी की संदिग्ध मौत पर संशय बना हुआ है। हाथी को जानबूझ कर मौत दी गई है या फिर यह हादसा है। फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। शुरूआती छानबीन में यह बात सामने आ रही है कि खेत में गेहूं खाकर हाथी की मौत हुई है। चंद किलो गेहूं खाकर हाथी की कैसे मौत हो सकती है। यह बात किसी के समझ में नहीं आ रही है।
यह बात अक्सर सामने आई है कि हाथी के उत्पाद से किसान परेशान थे। अब शंका यह भी है कि कहीं जानबूझ कर हाथी को मौत के घाट तो नहीं उतार दिया गया है। इसका खुलासा तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगा। चूंकि हाथी के शरीर पर कोई चोट या करंट इत्यादि के निशान नहीं है। लिहाजा मौत पर संशय बना हुआ है। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि गेहूं के खेतों में कीटनाशक दवाई छिड़की गई थी। ऐसे में यदि चंद किलो गेहूं खाकर हाथी की मौत हो गई, तो इंसान का क्या हाल होगा। दूसरी तरफ मृतक हाथी के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को होगा।
करीब पांच क्विंटल वजनी हाथी की मौत रहस्य बन गई है। कुछ गेहूं की फसल खाकर हाथी की मौत कैसे हो सकती थी। अगर गेहूं की फसल पर इतना भयंकर कीटनाशक छिडक़ा गया था कि हाथी ने कुछ फसल खायी और उसकी मौत हो गयी | हाथी के उत्पात से किसान परेशान थे, ।उत्तराखंड के राजा जी नेशनल पार्क की तरफ से हाथियों के झुंड आते रहते है सिरमौर के सिंबलवाड़ा नेशनल पार्क के साथ-साथ हरियाणा की कलेसर सेंचुरी में भी हाथी आते रहते हैं यमुना नदी को पार कर हाथी आते रहते है
हाथी की मौत संदिग्ध हो जाने से कोई जोखिम नहीं उठाया जा रहा। लिहाजा पोस्टमार्टम के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट देहरादून से टीम को मौके पर बुलाया गया है। सुबह 10 बजे के आसपास टीम के पहुंचने की संभावना है। रात को वन्यप्राणी विभाग की चार सदस्यीय टीम हाथी के शव की पहरेदारी करेगी। माजरा वन विभाग के रेंजर ज्ञान सिंह ने कहा कि स्थानीय स्तर पर हाथी के पोस्टमार्टम का अनुभव नहीं है, लिहाजा विभाग के मुख्यालय के स्तर पर देहरादून से टीम बुलाई गई है।
बहराल के नजदीक गजराज की संदिग्ध मौत के मामले में एसपी सौम्या सांबशिवन घटनास्थल पर पहुंची थी । एसपी के साथ मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने जाँच की थी ।